अडाणी ग्रुप (Adani Group) पर छिड़े विवाद और भारतीय वित्तीय प्रणाली पर इसके प्रभाव और चिंताओं के बीच, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने राहत देने वाली बात कही है। RBI गवर्नर ने बुधवार को कहा कि भारतीय बैंकिंग प्रणाली का आकार और लचीलापन किसी व्यक्ति या घटना से प्रभावित होने के लिए बहुत बड़ा और मजबूत है।
भारतीय बैंकिंग प्रणाली का आकार किसी व्यक्ति या घटना से प्रभावित होने के लिए बहुत बड़ा और मजबूत
RBI गवर्नर ने कहा, “बैंकों ने आरबीआई के जोखिम ढांचे का अनुपालन किया है और सभी अच्छी तरह से कैपिटलाइज्ड हैं। भारतीय बैंकिंग प्रणाली की ताकत, आकार और लचीलापन एक व्यक्तिगत घटना या इस तरह के मामले से प्रभावित होने के लिए बहुत बड़ी और मजबूत है। हमारी बैंकिंग प्रणाली मजबूत है।” यह बात शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति (Monetary Policy) की घोषणा के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए कहीं।
इससे पहले पिछले हफ्ते आरबीआई ने अडाणी ग्रुप के संकट की ओर इशारा करते हुए एक बयान जारी कर कहा था कि बैंकिंग क्षेत्र स्थिर बना हुआ है और पूंजी पर्याप्तता (Adequacy), संपत्ति की गुणवत्ता (Asset Quality), लिक्विडिटी ( liquidity), प्रावधान कवरेज (Provision Coverage) और लाभप्रदता (Profitability) से संबंधित बैंकों के सभी पैरामीटर ठीक हैं।
Market Capitalisation के आधार पर उधार देते हैं बैंक
आरबीआई गवर्नर ने आगे कहा कि बैंक किसी कंपनी को उसके फंडामेंटल के आधार पर उधार देते हैं न कि उसके मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर। उन्होंने कहा, “यह पूरी धारणा अडाणी ग्रुप के शेयरों के बाजार पूंजीकरण के कारण आ रही है। जब बैंक किसी कंपनी या कंपनियों के समूह को पैसा उधार देते हैं, तो वे उस विशेष कंपनी के मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर उधार नहीं देते हैं। बैंक उस कंपनी की ताकत और बुनियादी बातों के आधार पर उधार देते हैं। बैंकों के पास बहुत मजबूत मूल्यांकन तंत्र है।”
शक्तिकांत दास ने कहा कि पिछले तीन-चार साल में आरबीआई ने भारतीय बैंकों को मजबूती देने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसने ऑडिट रिस्क मैनेजमेंट कमेटियों के कामकाज के बारे में दिशानिर्देश जारी किए हैं। साथ ही आरबीआई ने बैंकों में मुख्य जोखिम अधिकारी और मुख्य अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति अनिवार्य कर दी है।