Adani Hindenburg: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (3 जनवरी 2023) को बड़ा फैसला सुनाते हुए गौतम अडानी-हिंडनबर्ग मामले की सीबीआई (CBI) से जांच करवाने की मांग से इनकार कर दिया। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने अहम फैसला देते हुए कहा कि कोर्ट को सेबी (SEBI) के अधिकार क्षेत्र मे दखल देने का सीमित अधिकार है। SEBI की जांच मे सुप्रीम कोर्ट दखल नही देगा। सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को 2 बाकी मामलों की जांच के लिए 3 महीने का समय दिया। आपको बताते हैं सुप्रीम कोर्ट ने अडानी केस में क्या-क्या बड़ी बातें कहीं।
- SC ने भारत सरकार और सेबी को भारतीय निवेशकों के हित को मजबूत करने के लिए विशेषज्ञ समिति की सिफारिश पर काम करने को कहा।
- कोर्ट ने SEBI से कहा है कि मौजूदा नियामक तंत्र को बेहतर बनाने के लिए एक्सपर्ट कमेटी के सुझाव पर काम करें
- कोर्ट ने एक्सपर्ट कमेटी के सदस्यों पर उठे सवालों को खारिज किया। कहा – हितों कर टकराव की याचिकाकर्त्ता की दलील बेमानी है
- कोर्ट ने कहा – बिना पुख्ता आधार के जांच SEBI से ट्रांसफर करने का कोई आधार नहीं । मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर SEBI की जांच पर संदेह करना या किसी निष्कर्ष पर पहुंचना सही नहीं
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सेबी के नियामक तंत्र की न्यायिक समीक्षा का दायरा सीमित है।
- कोर्ट ने सेबी को अभी बाकी दो जांच को तीन महीने में करने का निर्देश दिया। सेबी पहले ही 22 मामलों की जांच कर चुकी है।
- कोर्ट ने कहा कि सेबी की जांच उचित है। सेबी ने 24 में से 22 मामलों की जांच की है। बाकी बचे दो मामलों की जांच भी दो महीने में पूरी कर रिपोर्ट सौंपने का आदेश हम दे रहे हैं। सेबी सक्षम प्राधिकरण है।
- कोर्ट ने कहा- OCCPR की रिपोर्ट के आधार पर SEBI की जांच पर संदेह नहीं किया जा सकता।
- चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने अहम फैसला देते हुए कहा कि कोर्ट को सेबी (SEBI) के अधिकार क्षेत्र मे दखल देने का सीमित अधिकार है।
- याचिकाकर्ताओं द्वारा SIT को मामले की जांच सौंपने से कोर्ट ने इनकार कर दिया।