गौतम अडानी का ग्रुप अब कम लागत वाले कर्ज जुटाने के बारे में विचार कर रहा है। भारत के सबसे अमीर शख्स गौतम अडानी ग्रीन बॉन्ड में 10 अरब डॉलर का कर्ज जुटा सकते हैं, क्योंकि अडानी की कंपनी बॉन्ड बेचकर उच्च कर्ज वाले लागत को कम करना चाहती है।
विदेशी मुद्रा लोन और ग्रीन बॉन्ड समेत अन्य का उपयोग कर, अडानी ग्रुप ने अपने मौजूदा हाई लोन को कम लागत वाले उधार के साथ स्वैप करने के लिए 6 बिलियन डॉलर तक जुटाने की योजना बनाई है। इसके अलावा बाकी बचे पैसों का निवेश कर सकता है। एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से जानकारी दी गई है कि यह काम वित्त वर्ष 2023 के दिसंबर तिमाही में शुरू किया जा सकता है।
अडानी ग्रुप वर्तमान में हरित ऊर्जा, डिजिटल सेवाओं और मीडिया जैसे क्षेत्रों में निवेश कर रहा है। ऐसे में अडानी ग्रुप बॉन्ड जारी करके अपने पोर्ट टू पावर के बोझ को कम कर सकता है। जानकारी के अनुसार, दुनिया भर में बढ़ती ब्याज दरों के बावजूद समूह अब अपने बड़े परिसंपत्ति आधार के कारण कम लागत वाले लोन लेने के लिए
हालांकि, इस धन जुटाने का ग्रुप का यह प्रयास वैश्विक बाजार की स्थितियों के अनुसार बदल सकता है। वहींं अडानी ग्रुप की ओर से धन जुटाने के इस योजना पर कोई जानकारी नहीं दी गई है। मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, कर्ज जुटाने की यह योजना इक्विटी शेयर मार्केट से बिल्कुल अलग है, जिसमें अडानी ग्रुप पहली बार निवेश करने जा रहा है।
अडानी की निवेश की खतरनाक नीति
रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी ग्रुप तेजी से निवेश कर रहा है। मई में होल्सिम लिमिटेड की भारतीय के 6.5 बिलियन डॉलर के अधिग्रहण ने समूह के बढ़े हुए कर्ज और लीवरेज की चिंता जताई है। जबकि कंपनी ने अपने लोन स्तरों को सही बताया है।
गौरतलब है कि अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने पिछले सितंबर में अपनी पहली पेशकश के लिए मजबूत मांग देखी, जो केवल 750 मिलियन डॉलर के जारी करने के लिए 3.5 बिलियन डॉलर से अधिक के ऑर्डर प्राप्त किए। भारतीय डॉलर के कॉरपोरेट और अर्ध सॉवरेन बॉन्ड के ब्लूमबर्ग इंडेक्स के अनुसार, पिछले दो महीनों में डॉलर-मूल्यवान वित्तपोषण लागत में वृद्धि हुई है, जिसमें अडानी कंपनियां भी शामिल हैं।