अडानी ग्रुप आगामी 5G स्पेक्ट्रम के ऑक्शन में देश की मौजूदा दूरसंचार कंपनियों रिलायंस जियो और भारती एयरटेल के साथ बोली लगाने जा रहा है। अपने 5G स्पेक्ट्रम के ऑक्शन में बोली लगाने के प्लान के बारे में बताते हुए शनिवार को अडानी ग्रुप में कहा कि कंपनी, सरकार की ओर से आयोजित किए जाने वाले टेलीकॉम स्पेक्ट्रम में भाग लेगी और हमारा प्लान एक प्राइवेट नेटवर्क विकसित करना है, जिसका इस्तेमाल हम अपनी कंपनियों के परिचालन में करेंगे।

ग्राहक दूरसंचार सेवाओं में नहीं उतरेगा अडानी: कंपनी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि 5G स्पेक्ट्रम के ऑक्शन में बोली लगाने का उद्देश्य ग्राहक दूरसंचार सेवाओं में उतरना बिल्कुल भी नहीं है। अडानी ग्रुप की ओर से जारी बयान में कहा गया, “हम 5G स्पेक्ट्रम ऑक्शन में भाग लेने जा रहे हैं। इसका लक्ष्य पोर्ट, पावर और ट्रांसमिशन, कई उत्पादन इकाइयों को निजी नेटवर्क समाधान उपलब्ध करने के साथ साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाना है।” आगे बयान में अडानी ग्रुप ने कहा, “स्पेक्ट्रम तक पहुंच ग्रुप को आने वाले समय में डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाने में मदद करेगा और इससे हमारे डाटा सेंटर कारोबार को भी मदद मिलेगी।”

26 जुलाई को होगा ऑक्शन: 5G टेलीकॉम सर्विसेज जैसे अधिक हाई स्पीड वाला इंटरनेट संपर्क प्रदान करने में सक्षम इन एयरवेव का ऑक्शन में भाग लेने के लिए आवेदन शुक्रवार को कम से कम चार आवेदकों के साथ बंद हुए। 5G स्‍पेक्‍ट्रम का ऑक्शन 26 जुलाई को होना है।

बता दें, बीते शुक्रवार (8 जुलाई,2022) को अडानी ग्रुप की ओर से 5G स्पेक्ट्रम के ऑक्शन में भाग लेने के लिए आवेदन दिया गया था। इस ऑक्शन में बोली लगाने के लिए बाजार में मौजूदा टेलीकॉम सेक्टर की बड़ी कंपनियां भारती एयरटेल, रिलायंस जियो और वोडाफोन-आईडिया की ओर से पहले से ही आवेदन किया जा चुका है।

अडानी ग्रुप ने फरवरी 2021 में दुनिया की दिग्गज डाटा सेंटर कंपनी EdgeConneX के साथ एक जॉइंट वेंचर (50:50) शुरू किया था। नवंबर 2021 में इस जॉइंट वेंचर दोनों कंपनियों की ओर से 375 करोड़ रुपए के निवेश का किया गया था। उस समय कंपनी ने बताया था कि उसका इरादा चेन्नई, नवी मुंबई, नोए़़डा, विशाखापत्तनम और हैदराबाद हाइपर स्केल के डाटा सेंटर विकसित करना है।