एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल नीलाम होने जा रही है। आरबीआई के द्वारा 29 नवंबर 2021 को रिलायंस के बोर्ड को कर्ज भुगतान न करने और गवर्नेस इश्यू के चलते भंग कर दिया गया था जिसके बाद इस कंपनी की नीलामी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

बोलीदाताओं में शामिल कंपनियां: सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक कुल 14 कंपनियों ने रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण में रुचि दिखाई है। इन कंपनियों में अडानी फिनसर्व, केकेआर, पिरामल फाइनेंस और पूनावाला फाइनेंस, आरोप एआरपीवुड वर्दे पार्टनर्स, निप्पोन लाइफ, जेसी फ्लावर्स, ब्रुकफील्ड,ओकट्री, अपोलो ग्लोबल, ब्लैकस्टोन और हीरो फिनकॉर्प शामिल है।

अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनी रिलायंस कैपिटल के लिए बोली जमा करने की आखिरी तारीख 11 मार्च से बढ़ाकर 25 मार्च कर दी गई है। अब बोलीदाता 25 मार्च तक अपनी बोली आरबीआई के पास जमा करा सकता है। आरबीआई की तरफ से कहा गया है कि बोली लगाने वाली कंपनी पूरी रिलायंस कैपिटल के लिए या फिर उसकी एक या एक से अधिक सब्सिडरी कंपनियों के लिए बोली लगा सकती है।

रिलायंस कैपिटल की सब्सिडरी कंपनियां: रिलायंस कैपिटल के पास कुल आठ सब्सिडरी कंपनियां हैं जिनमें रिलायंस होम फाइनेंस, रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस, रिलायंस एसेट्स रीकंस्ट्रक्शन कंपनी, रिलायंस सिक्योरिटीज, रिलायंस मनी, रिलायंस जनरल इंश्योरेंस, रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस और रिलायंस निप्पोन लाइफ इंश्योरेंस शामिल हैं।

नीलामी में तीसरी एनबीएफसी: पिछले कुछ सालों के दौरान रिलायंस कैपिटल तीसरी नॉन बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) है जिसके खिलाफ आईबीसी ( Insolvency and Bankruptcy Code) के तहत दिवालिया प्रकिया शुरू हुई हो। इससे पहले दो अन्य एनबीएफसी श्री ग्रुप एनबीएफसी और दीवान हाउसिंग फाइनेंस के खिलाफ दिवालिया घोषित हो चुकी है। आरबीआई से मिली जानकारी के मुताबिक सभी बोलीदाताओं ने पूरी कंपनी को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है।

रिलायंस कैपिटल पर कर्ज: दिसंबर तिमाही के आंकड़ों के अनुसार कंपनी पर 40 हजार करोड़ रुपए से जायदा का कर्ज है। वित्त वर्ष 2020-21 में कंपनी को 9,114 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था जबकि पिछले वित्त वर्ष 2019-20 में कंपनी को 1223 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था।