8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने इस वर्ष की शुरूआत में 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन की घोषणा की थी। यह आयोग आम तौर पर केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए विभिन्न भत्तों सहित सैलरी में संशोधन के लिए हर 10 साल में बनाया किया जाता है।

हालांकि, सरकार अभी तक 8वें वेतन आयोग को बनाने की दिशा में आगे नहीं बढ़ पाई है। Terms of Reference (ToR) अभी तक तय नहीं हुई हैं और 7 महीने बीत जाने के बावजूद सदस्यों और चेयरमैन की नियुक्ति अभी भी लंबित है।

ऐसे में कर्मचारियों की बैचेनी बढ़ रही है। हाल ही में वित्त मंत्रालय ने 8वें वेतन आयोग में देरी के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि उसने मंत्रालयों, राज्यों और कर्मचारी निकायों सहित विभिन्न स्टेकहोल्डर्स से सुझाव मांगे हैं और कार्य-अवधि को अंतिम रूप दिए जाने के बाद औपचारिक अधिसूचना यथा समय जारी की जाएगी।

क्योंकि, 8वां वेतन आयोग अपनी प्रारंभिक औपचारिक घोषणा और अंतिम नोटिफिकेशन के बीच लगने वाले समय के लिहाज से सबसे विलंबित वेतन आयोग बनने की ओर अग्रसर है – जिसमें 7 महीने बीत चुके हैं – इसलिए हम 7वें वेतन आयोग की समय-सीमा पर नजर डालेंगे ताकि यह अनुमान लगाया जा सके कि अगर इसे आज नोटिफाई किया जाता है, तो इसे लागू होने में कितना समय लग सकता है।

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7वें वेतन आयोग की पूरी समय-सीमा

यदि हम 7वें वेतन आयोग के गठन और सिफारिशों के कार्यान्वयन की प्रोसेस पर बारीकी से नजर डालें, तो इसमें करीब 3 वर्ष लगे। इसमें सभी चरण शामिल हैं।

आयोग की घोषणा – 25 सितंबर 2013

UPA सरकार ने सितंबर 2013 में 7वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की थी। उस समय, छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू हुए 5 साल हो चुके थे।

Terms of Reference (ToR) नोटिफाई – 28 फरवरी 2014

घोषणा के लगभग 5 महीने बाद, वित्त मंत्रालय ने 7वें वेतन आयोग के लिए ToR नोटिफाई कर दीं।

सदस्यों की नियुक्ति – 4 मार्च 2014

ToR जारी होने के ठीक 4 दिन बाद, आयोग के चेयरमैन और अन्य सदस्यों की नियुक्ति कर दी गई। न्यायमूर्ति ए.के. माथुर को आयोग का चेयरमैन बनाया गया।

रिपोर्ट प्रस्तुत – 19 नवंबर 2015

करीब 1 साल 8 महीने की बैठकों, आँकड़ों के विश्लेषण और सिफारिशों पर चर्चा के बाद, आयोग ने केंद्र सरकार को अपनी अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की।

सिफारिशों का कार्यान्वयन – 29 जून 2016

सरकार ने रिपोर्ट प्राप्त होने के लगभग 7 महीने बाद 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की अधिकांश सिफारिशों को स्वीकार कर लिया और इन्हें 1 जनवरी 2016 से लागू किया गया।

इस प्रकार, 7वें वेतन आयोग की घोषणा से लेकर सिफारिशों के कार्यान्वयन तक करीब 2 वर्ष 9 महीने का समय लगा।

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क्या है 8वें वेतन आयोग के लिए इसका मतलब?

इसलिए, अगर 8वां वेतन आयोग, 7वें वेतन आयोग जैसी ही प्रक्रिया अपनाता है, तो संभावना है कि सरकारी कर्मचारियों को 2026 में यह खुशखबरी नहीं मिलेगी। चूंकि पिछला वेतन आयोग कुल 33 महीने चला था, इसलिए 8वें वेतन आयोग का कार्यान्वयन 2027 के अंत या 2028 की शुरुआत में होने की उम्मीद है।

8th Pay Commission: अब तक का अपडेट

हमारी सहयोगी फाइनेंशियल एक्सप्रेस के अनुसार, सरकार ने इस साल 16 जनवरी को 8वें वेतन आयोग की घोषणा की थी। तब से, इस पर अधिक प्रगति नहीं देखी गई है। मौजूदा गति को देखते हुए और पिछले वेतन आयोग से तुलना करने पर, नए वेतन आयोग की सिफारिशें 2028 की शुरुआत तक ही लागू हो पाएगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि 7वें वेतन आयोग के मामले में, आधिकारिक अधिसूचना की तारीख से लेकर कार्यान्वयन की तारीख तक 27 महीने लग गए थे।

इसी वजह से यह मानते हुए कि इस साल सरकार अगस्त में 8वें वेतन आयोग को औपचारिक रूप से अधिसूचित कर देती है, इसकी सिफारिशें वास्तविक रूप से जनवरी 2028 से लागू हो सकती हैं। हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि 8वाँ वेतन आयोग भी 7वें वेतन आयोग की तरह ही समय-सीमा का पालन करेगा। नए आयोग की सिफारिशें, सिद्धांत रूप में, रिकॉर्ड समय में लागू हो सकती हैं।

हालांकि, यह तुलना पूरी तरह से पिछले रुझानों पर आधारित है। यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि वास्तविक कार्यान्वयन तिथि चाहे जो भी हो, सिफारिशें मूल रूप से निर्धारित तिथि 1 जनवरी, 2026 से पूर्वव्यापी रूप से प्रभावी होंगी।