8th Pay Commission: सरकार ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन के लिए मंत्रालयों और विभागों के साथ चर्चा शुरू कर दी है। यह आयोग लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 62 लाख पेंशनभोगियों के सैलरी स्ट्रक्चर में संसोधन करेगा। इन चर्चाओं का मुख्य केंद्र फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) है, जो एक काफी महत्वपूर्ण पैमाना है, जो सीधे तौर पर यह तय करता है कि नया वेतनमान लागू होने के बाद सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होगी।
क्या है फिटमेंट फैक्टर?
फिटमेंट फैक्टर एक संख्यात्मक गुणक है। जिसका इस्तेमाल नए वेतन आयोग के लागू होने पर कर्मचारी के संशोधित बेसिक पे की गणना के लिए किया जाता है।
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यह क्यों मायने रखता है फिटमेंट फैक्टर?
फिटमेंट फैक्टर विभिन्न स्तरों पर सैलरी हाइक को मानकीकृत करने में मदद करता है। 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) में फिटमेंट फैक्टर 2.57 निर्धारित किया गया था यानी नए वेतन की गणना के लिए बेसिक पे को इस संख्या से गुणा किया जाता था।
विभिन्न मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, शुरुआती अनुमान बताते हैं कि 8वां वेतन आयोग 2.86 तक के फिटमेंट फैक्टर की सिफारिश कर सकता है, जिससे बेसिक पे में 30-34% की हाइक होगी। हालांकि सरकार ने अभी तक नए गुणक की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
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सैलरी हाइक न्यूनतम सैलरी को तिगुना कर सकती है!
हमारी सहयोगी फाइनेंशियल एक्सप्रेस के अनुसार, अगर फिटमेंट को 2.86 पर निर्धारित करने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है, तो सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम बेसिक पे 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये (लगभग 3 गुना) हो सकता है। पेंशनभोगियों को भी इस बढ़ोतरी का लाभ मिलेगा, क्योंकि फिटमेंट कारक उन पर भी लागू होता है।
इम्प्लीमेंटेशन की टाइम-लिमिट
केंद्र सरकार ने इसी साल जनवरी में 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन को मंजूरी दी थी, लेकिन औपचारिक अधिसूचना अभी भी प्रतीक्षित है।
हाल ही में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में दिए गए एक बयान में साफ किया कि सभी हितधारकों के साथ चर्चा जारी है। चेयरमैन और आयोग के सदस्यों की नियुक्ति अधिसूचना जारी होने के बाद ही होगी।
गठन के बाद, आयोग अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपेगा, जो उनकी समीक्षा और अप्रूवल करेगी। नया सैलरी स्ट्रक्चर पिछले आयोगों द्वारा अपनाई गई सामान्य समय-सीमा के अनुसार, जनवरी 2027 से लागू होने की संभावना है।
