8th Pay Commission: सरकार ने जनवरी 2025 में नए वेतन आयोग को बनाने का ऐलान किया था। आठवें वेतन आयोग देश में मौजूदा आर्थिक स्थितियों का आंकलन करके अपनी सिफारिशें जारी करेगा और इसके बाद ही केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों की पेंशन और सैलरी में जरूरत के मुताबिक, इजाफा किया जाएगा। ऐसा माना जाता है कि वेतन आयोग का काम किसी फॉर्मूला के आधार पर कर्मचारियों की सैलरी में कितना इजाफा हो इसका सुझाव देना होता है।
लेकिन आपको बता दें कि वेतन आयोग कई तरह के भत्तों और दूसरी सुविधाओं जैसे हेल्थ इंश्योरेंस की भी समीक्षा करता है और इसके बाद कर्मचारियों के हित में जरूरी सुधारों के लिए जरूरी बदलाव करने की सिफारिश करता है।
लाडली बहना योजना की 23वीं किस्त पर बड़ा अपडेट, 1.2 करोड़ महिलाओं के खाते में इस दिन आ सकते हैं पैसे
ऐसे ही कुछ सुधारों में से एक है- सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (CGHS) जो पिछले कई सालों से कर्मचारियों के लिए उपलब्ध है। केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और उनके डिपेन्डेंट्स आमतौर पर CGHS में कवर होते हैं और उन्हें कॉम्प्रिहेंसिव मेडिकल केयर और संबंधित सुविधाएं मिलती हैं।
CGHS क्या है?
CGHS एक हेल्थकेयर स्कीम है जिसे भारतीय सरकार द्वारा केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और उनके डिपेन्डेंट को कॉम्प्रिहेंसिव मेडिकल केयर उपलब्ध कराने के लिए ऑफर किया जाता है। इस हेल्थ स्कीम में कंसल्टेशन, इलाज, जांच और दवाइयों जैसी सुविधाएं किफायती दाम पर मिल जाती हैं।
8th Pay Commission: क्या आठवें वेतन आयोग में होगी CGHS को अन्य हेल्थ स्कीम से बदलने की सिफारिश?
आपको बता दें कि पिछले तीनों पे कमीशन ने केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक नई हेल्थकेयर स्कीम शुरु करने की सिफारिश की थी। सरकार की रुचि के बावजूद, अभी तक नई स्कीम को लागू नहीं किया गया है।
पिछले वेतन आयोगों ने नई हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम का सुझाव क्यों दिया?
CGHS की पहुंच सीमित है और इसकी सुविधाएं हर जगह उपलब्ध नहीं हैं। इसी कारण के चलते पिछले पे कमीशंस ने यह महसूस किया कि देश में केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए एक कॉम्प्रिहेंसिव और प्रैक्टिकल हेल्थकेयर स्कीम की जरूरत है।
चलिए इस बात को समझते हैं कि पिछले पे कमीशंस ने नई हेल्थ स्कीम के बारे में क्या कहा था:
6th Pay Commission का सुझाव
छठे वेतन आयोग ने यह सिफारिश की थी कि केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक ऑप्शनल हेल्थकेयर स्कीम लाई जाए, जिसे कर्मचारी अपनी इच्छा मुताबिक ज्वॉइन कर सकें और इसमें एक फिक्स्ड कॉन्ट्रिब्यूशन वे दे सकें। इस वेतन आयोग ने भविष्य में सभी नए कर्मचारियों के लिए इस स्कीम को अनिवार्य बनाने की भी सिफारिश की थी।
पैनल ने यह भी कहा था कि यह स्कीम लागू होने के बाद रिटायर होने वाले कर्मचारियों के लिए भी मेडिकल कवर मिलना चाहिए।
7th Pay Commission का सुझाव
सातवें वेतन आयोग ने स्पष्ट तौर पर यह कहा था कि सभी कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और उनके परिवारों को लॉन्गटर्म में बेहतर स्वास्थ्य सुरक्षा देने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस सबसे बेहतर ऑप्शन है।
इस पैनल ने जोर देकर यह सिफारिश की थी कि सभी केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक हेल्थकेयर स्कीम यानी स्वास्थ्य योजना लागू होनी चाहिए। जब तक यह स्कीम लागू होती है, कमीशन ने CGHS से बाहर पेंशनभोगियों के लिए एक जरूरी सुझाव दिया था।
सातवें वेतन आयोग ने कहा था कि CGHS को उन हॉस्पिटल को पैनल में शामिल करना चाहिए जो पहले से CS (MA) या ECHS के पैनल में शामिल हैं, ताकि इन पेंशनभोगियों को कैशलेस ट्रीटमेंट का फायदा मिल सके। इसके लिए नजदीकी CGHS केंद्रों की प्रशासनिक क्षमता मजबूत करनी होगी। इस कदम से लंबे समय से पेंडिंग पड़ीं इन पेंशनभोगियों की शिकायतें दूर होने में मदद मिल सकती है।
आपको बता दें कि CS(MA) केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए है जबकि ECHS के तहत सेवानिवृत्त कर्मचारियों और उनके डिपेन्डेंट्स कवर होते हैं। इस स्कीम में पॉलीक्लीनिक और पैनल में शामिल अस्पतालों को हेल्थकेयर सुविधा मिलती है।
फिलहाल क्या-कुछ हो रहा है?
जनवरी 2025 में ऐसी खबरें आई थीं कि स्वास्थ्य मंत्रालय, एक इंश्योरेंस-बेस्ड स्कीम के साथ CGHS को रीप्लेस कर सकती है। और इस प्रस्तावित स्कीम का नाम सेंट्रल गवर्नमेंट इम्प्लॉयीज एंड पेंशनल हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम (Central Government Employees and Pensioners Health Insurance Scheme- CGEPHIS) नाम हो सकता है।
इस नई स्कीम को इंश्योरेंस रेगुलेटरी बॉडी IRDAI के साथ रजिस्टर्ड बीमा कंपनियों के जरिए लागू किया जा सकता है। हालांकि, फिलहाल सरकार की तरफ से इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।
अब सबकी नजर 8th Pay Commission पर
अब जबकि आठवें वेतन आयोग का ऐलान हो चुका है और जल्द ही प्रस्तावित आयोग अपना काम शुरू कर देगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि नया वेतन आयोग लंबे अरसे से चले आ रहे इस मुद्दे को हल कर पाता है या नहीं।