केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई उजाला स्कीम से एक बड़ा कीर्तिमान हासिल किया है। इस स्कीम के तहत अब तक 36.7 करोड़ एलईडी बल्ब वितरित किये गए हैं और इससे करीब  19 हजार करोड़ रुपए की बचत की हुई है।

उजाला स्कीम की शुरुआत पीएम मोदी की ओर से 1 मई 2015 को की गई थी। इस योजना का गांव में पीले बल्ब की जगह नए एलईडी बल्ब लगाने के लिए प्रोहित्साहित करना है क्योंकि पीले बल्ब एलईडी की तुलना में कई गुना अधिक बिजली खाते हैं जिसके कारण पर्यावरण में कार्बन उत्सर्जन भी बढ़ता है। योजना लांच होने के कुछ ही समय के बाद यह दुनिया की सबसे बड़ी जीरो सब्सिडी योजना बन गई।

3.86 करोड़ कार्बन उत्सर्जन कम हुआ: उजाला योजना की मदद से देश में सलाना 3.86 करोड़ टन कार्बन उत्सर्जन करने कम करने में मदद मिली है। सरकार की स्कीम को लोगों का काफी सपोर्ट मिला और पिछले 7 सालों में सरकार 36.78 करोड़ एलईडी बल्ब बांटने में सफल हुई है। सरकार का दावा है इस योजना के कारण देश में हर साल करीब 4800 करोड़ यूनिट बिजली की बचत हो रही है जबकि 19 हजार रुपए से अधिक की बिजली बचाने में सफलता हासिल हुई है।

इस योजना से एलईडी बल्ब की कीमत में आई कमी: उजाला स्कीम के आने से पहले देश में एक एलईडी बल्ब की कीमत करीब 350 रुपए के आस पास होती थी, लेकिन इस योजना आने के बाद सरकार को एलईडी बल्ब का खुदरा मूल्य 70 से 80 रुपए करने में सफलता हासिल हुई। इस योजना के कारण ही देश एलईडी बल्ब निर्माण की सालाना क्षमता एक लाख प्रति माह से बढ़कर 40 मिलियन प्रति माह तक पहुंच गई।

10 रुपए में एलईडी: उजाला योजना के तहत केंद्र सरकार आम नागरिकों को 10 रुपए में एलईडी बल्ब देती है। इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक ग्रामीण परिवार को कम से कम तीन से चार एलईडी बल्ब दिए जाते हैं और यह योजना इस वक्त देश के कई राज्यों में चल रही है। उजाला योजना को सरकारी कंपनी ईईएसएल लिमिटेड द्वारा चलाया जाता है।