दाल के दाम 210 रुपए किलो की ऊंचाई पर पहुंचने के बीच सरकार ने जमाखोरों और कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ ताबड़तोड़ छापे की कार्रवाई शुरू कर दी है जिसमें 36,000 टन के करीब दलहन स्टॉक जब्त किया गया। इस स्टॉक को आयातित दाल के साथ अब बाजार में जारी किया जायेगा ताकि चढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाया जा सके।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सप्ताह में दूसरी बार अंतर मंत्रालयी समूह की बैठक बुलाई। उन्होंने राज्य सरकारों पर दोष मढ़ते हुये कहा कि वह जमाखोरों और कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्ती से कदम नहीं उठा रहीं हैं।
जेटली ने कहा कि 5,000 टन आयातित दाल पहले ही देश में पहुंच चुकी है और इसका राज्यों के बीच वितरण किया जा रहा है। इसके अलावा 3,000 टन आयात की जा रही दाल भी जल्द पहुंचेगी। राजधानी में केन्द्रीय भंडार और सफल के 500 बिक्री केन्द्रों पर आयातित तुअर दाल 120 रुपए की सस्ती दर पर बेची जा रही है।
जेटली ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह खेद का विषय है कि जमाखोरों के खिलाफ कारवाई करने में ज्यादातर राज्य अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिये कुछ नहीं कर रहे हैं। केवल पिछले तीन-चार दिन में जब केन्द्र सरकार की तरफ से दबाव बढ़ाया गया, छापेमारी में 36,000 टन दाल का भंडार पकड़ा गया। जमाखोरों के खिलाफ छापेमारी की कारवाई अभी भी जारी है।’’
जेटली ने जमाखोरों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है। हालांकि, उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि आयातित दाल के साथ साथ जब्त की गई दाल को जब बाजार में जारी किया जायेगा तो अगले दो से तीन दिन में खुदरा बाजार में आसमान छूते दाम कम होंगे।
जेटली ने कहा, ‘‘जमाखोरी करने वालों के खिलाफ छापे की कार्रवाई जारी है और अगले दो से तीन दिन में राज्यों द्वारा की जाने वाली और ऐसी कार्रवाई से छुपा कर रखा गया दालों का और स्टॉक को जब्त कर लिया जायेगा।’’
वित्त मंत्री ने कहा तमिलनाडु ने आयातित दाल का स्टॉक उठाना शुरू कर दिया है। आंध्र प्रदेश ने भी खुदरा बिक्री के लिये इस खाद्य जिंस का उठाव करने की मंशा जाहिर की है। जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘केन्द्र सरकार के राज्यों पर दबाव बनाने के बाद ही पिछले दो-तीन दिन में ही देशभर में 3,290 तलाशी और जांच अभियान चलाये गये।’’
जेटली ने कहा, ‘‘हम 5,000 टन दालों के आयात होने की बात कर रहे हैं, 3,000 टन और दाल देश में पहुंचने की तैयारी में है। इसके मुकाबले छापों में जितना स्टॉक पकड़ा गया है, जो आंकड़ा 36,000 टन पर पहुंच चुका है .. इस पूरे स्टॉक को धीरे धीरे बाजार में छोड़ा जायेगा।’’
वित्त मंत्री ने कहा कि अंतर मंत्रालयी समूह की बैठक में दालों की कमी के कारणों पर विचार किया गया। देश और दुनिया में दालों का उत्पादन कम रहना भी इसकी वजह रही है। ‘‘इसका उत्पादन मालावी, मोजाम्बिक, म्यांमा में होता है और वहां भी उत्पादन कुछ कम रहा है जिसकी वजह से वैश्विक स्तर पर दाम चढ़े हैं। लेकिन जो तीसरी बड़ी वजह है वह (जमाखोरी) लगती है … कम उपलब्धता को देखते हुये जमाखोरों ने बड़ी मात्रा में स्टॉक जमा कर लिया।’’
एक विज्ञप्ति के अनुसार सबसे ज्यादा 23,340 टन दाल महाराष्ट्र में जब्त की गई। उसके बाद 4,525.19 टन छत्तीसगढ़ में, 2,546 टन तेलंगाना में, 2,295 टन मध्य प्रदेश में। 1,168 टन हरियाणा में, 859 टन आंध्र प्रदेश में, 480 टन कर्नाटक में और 68.47 टन दाल का स्टॉक राजस्थान में पकड़ा गया। तमिलनाडु में 4.32 टन और हिमाचल प्रदेश में 2.44 टन स्टॉक पकड़ा गया।
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