केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने बुधवार को एक विशेष अदालत में दावा किया कि यूनिटेक समूह की कंपनियों ने 2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस पाने के लिए दूरसंचार विभाग के समक्ष अपने आवेदनों में जानतेबूझते हुए गलत तथा धोखाधड़ी वाले तथ्य रखे। 2जी स्पेक्ट्रम्म आवंटन मामले में अंतिम बहस के दौरान विशेष सरकारी वकील आनंद ग्रोवर ने कहा कि ये कंपनियां स्पेक्ट्रम पाने की पात्र नहीं थीं और उन्होंने स्पेक्ट्रम हासिल करने के लिए धोखाधड़ी वाले तथ्य रखे।
उन्होंने विशेष सीबीआइ जज ओपी सैनी से कहा कि यूनिटेक समूह की कंपनियों ने जानबूझकर और धोखाधड़ी से आवेदन फार्म में गलत तथ्य रखे। सीबीआइ के अनुसार यूनिटेक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय चंद्रा ने 2जी लाइसेंस पाने के लिए अन्य के साथ मिलकर साजिश की। अंतिम बहस पूरी नहीं हो पाई और यह कल (गुरुवार) भी जारी रहेगी।