सरकार ने गुरुवार को बताया कि देश की विभिन्न निचली अदालतों में चेक बाउंस के 18.22 लाख मामले लंबित है और संबंधित कानून में संशोधन से लंबित मामलों का निपटारा करने में मदद मिलेगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने परक्राम्य लिखत संशोधन विधेयक 2015 के प्रावधानों को स्पष्ट करते हुए कहा कि इसमें पुलिस के बजाय अदालतें कानून को लागू करने वाली एजंसी हैं।
विधेयक पर चर्चा के दौरान बीजद के वगत सथपति ने जानना चाहा था कि क्या चेक बाउंस के मामलों में शिकायकर्ता को पुलिस के समक्ष एफआईआर दर्ज कराने की जरूरत होगी। चर्चा के बाद सदन ने उसे मंजूरी दे दी। यह पहले भी लोकसभा में पारित हो चुका था लेकिन राज्यसभा में इसे नहीं मंजूरी मिलने के कारण इसे निचले सदन में फिर से पेश किया गया था। इस विषय पर जून 2015 में अध्यादेश आया था।
वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि इस समय चेक बाउंस के 18.22 लाख मामले विभिन्न निचली अदालतों में लंबित हैं और इससे लंबित मामलों का निपटारा करने में मदद मिलेगी। इस विधेयक में ऐसा प्रावधान किया गया है कि चेक बाउंस के मामले उस स्थान पर दायर किए जा सकेंगे जहां चेक मंजूरी के लिए पेश किया गया है या जहां भुगतान हुआ है। उस स्थान पर नहीं जहां से चेक जारी हुआ है। इससे लाखों लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है।
चर्चा की शुरुआत करते हुए भाजपा के प्रह्लाद पटेल ने कहा कि समय के साथ विधानों में परिवर्तन करने की पहल के तहत छोटे व्यवसायी, किसानों, कारोबारियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए चेक बाउंस के मामलों में उन्हें राहत प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त किया गया है। उन्होंने कहा कि नए प्रावधानों से चेक बाउंस के मामलों में लोगों के समय, धन की बचत होगी और दुविधा से मुक्ति मिलेगी।
अन्नाद्रमुक के वी पनीरसेल्वम ने कहा कि चेक बाउंस के मामलों में शिकायतकर्ता और आरोपी दोनों के लिए समरूपता स्थापित की गई है। इसके कारण शिकायकर्ता को लंबी दूरी तय करके न्याय हासिल करने की परेशानी से मुक्ति मिलेगी। बीजद के वगत सथपति ने कहा कि यह अच्छा विधेयक है और इसे सबका समर्थन मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन मामलों में कानून को और प्रभावी बनाए जाने की जरूरत है।
शिवसेना के आनंदराव अडसूल ने कहा कि उपभोक्ताओं का बैंकिंग प्रणाली में भरोसा कायम रखने के लिए यह एक अच्छा विधेयक लाया गया है और वे इसका समर्थन करते हैं। तेदेपा के जयदेव गल्ला ने कहा कि इस विधेयक के पारित होने से चेक बाउंस के मामलों को अदालतों में त्वरित गति से निपटाने में मदद मिलेगी। टीआरएस के बीएन गौड़ ने विधेयक का स्वागत करते हुए कहा कि चेक बाउंस मामलों की समयबद्ध सुनवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने इसके लिए विशेष अदालतों का गठन किए जाने की मांग की।
भाजपा की रमा देवी ने भी विधेयक का स्वागत करते हुए कहा कि इससे उपभोक्ताओं की परेशानियों को कम करने में मदद मिलेगी। भाजपा के निशिकांत दुबे ने भी चर्चा में हिस्सा लिया।