शनिवार से 11 राज्यों के 54 जिलों के उपभोक्ताआें को एलपीजी के लिए नकद सबसिडी मिलेगी। इससे वे बाजार मूल्य पर रसोई गैस सिलेंडर की खरीद कर सकेंगे। पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार ने जून 2013 में यह महत्त्वाकांक्षी योजना शुरू की थी। लेकिन पिछले साल अदालती आदेशों के बाद इसे रोक दिया गया था। अब इस योजना में संशोधन किया गया है। नकद सबसिडी प्राप्त करने के लिए विशिष्ट पहचान संख्या (आधार) की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि एलपीजी के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटीएल)योजना एक जून 2013 को पेश की गई थी। अंतत: इसके दायरे में 291 जिले आए थे। इसमें उपभोक्ताओं को एलपीजी सबसिडी प्राप्त करने के लिए आधार नंबर देना जरूरी था। सरकार ने व्यापक तरीके से इस योजना की समीक्षा की। उपभोक्ताओं के समक्ष आने वाली दिक्कतों के मद्देनजर अब इसमें संशोधन किया गया है। पहले चरण में 54 जिलों में डीबीटीएल योजना नए सिरे से पेश की जा रही है। एक जनवरी 2015 से यह शेष भारत में पेश की जाएगी।

इस योजना के तहत एलपीजी ग्राहकों को उनके बैंक खातों में नकद सबसिडी दी जाती है जिसके जरिए वे रसोई गैस सिलेंडर बाजार मूल्य पर खरीद सकते हैं। उपभोक्ता के खाते में मौजूदा सबसिडी वाली दर व बाजार मूल्य के अंतर के बराबर राशि डाली जाती है। योजना में शामिल होने के बाद पहली बार गैस बुक कराने पर यह राशि उपभोक्ता के खाते में डाली जाती है। उपभोक्ता द्वारा सिलेंडर की डिलीवरी लेने के बाद एक और नकद सबसिडी उसके बैंक खाते में डाल दी जाती है।