मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने एक साल पूरा कर लिया है। इस समय अवधि में मोहन यादव सरकार ने राज्य के विकास को लेकर कई काम किया। मध्य प्रदेश सरकार का फोकस है कि राज्य के हर युवा को रोजगार मिले। शायद यही वजह है कि मध्य प्रदेश के मुखिया हर कार्यक्रम में रोजगार देने की बात करते हैं।
राज्य सरकार युवाओं को दो लाख नौकरियां देने का वादा कर चुकी है और इस पर अमल करना भी शुरू कर दिया है। इसके अलावा मध्य प्रदेश में अब तक हो चुके रीजनल कॉन्क्लेव समिट से 3 लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा। ऐसे में सरकार करीब 5 लाख युवाओं को रोजगार प्रदान कर रही है।
इनोवेशन से मिल रही विकास को नई दिशा
मोहन यादव सरकार के इस एक साल में कई ऐसे इनोवेशन किए गए, जिनसे प्रदेश की विकास प्रक्रिया में नई दिशा मिली। पुलिस बैंड से लेकर एयर एंबुलेंस जैसी सुविधाओं का आरंभ प्रदेशवासियों के लिए बड़ी राहत साबित हो रहा है।
महिलाओं पर फोकस – मप्र सरकार ने महिलाओं के लिए देश में सबसे ज्यादा 35 प्रतिशत आरक्षण देने का काम किया है। 26 लाख लाड़ली बहनों को 450 रुपये गैस रिफलिंग के लिए दिए रहे हैं। 1 करोड़ 29 लाख लाड़ली बहनों को अब तक 19212 करोड़ रुपये राशि का अंतरण किए गए हैं।
मुफ्त एयर एंबुलेंस सेवा – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य में मुफ्त एयर एंबुलेंस सेवा की शुरुआत की है। इस सेवा में एक हेली एंबुलेंस और एक फिक्स्ड विंग कनवर्टेड फ्लाइंग एंबुलेंस का संचालन किया जा रहा है। आमतौर पर इस सेवा का खर्च पांच से छह लाख रुपये आता है, लेकिन आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों के लिए यह सेवा नि:शुल्क उपलब्ध है। अब तक प्रदेश में कई मरीजों को इस सेवा का लाभ मिल चुका है। एयर एंबुलेंस में उच्च प्रशिक्षित चिकित्सीय और पैरामेडिकल स्टाफ की टीम हमेशा तैनात रहती है, जो मरीजों का तत्काल इलाज मुहैया कराती है।
55 जिलों में पुलिस बैंड की शुरुआत – मुख्यमंत्री ने 55 जिलों में पुलिस बैंड की शुरुआत की है। अब तक सरकारी कार्यक्रमों में केवल सेना और एयरफोर्स के जवान ही प्रदर्शन करते थे, लेकिन अब पुलिस के जवान भी इन कार्यक्रमों में अपनी प्रस्तुति दे रहे हैं। इस बैंड के गठन के दौरान कुछ जवानों ने इसमें भाग लेने से मना किया था, लेकिन उन्हें कार्रवाई का सामना करना पड़ा और कोर्ट भी गए थे, जहां से उन्हें राहत नहीं मिली। अब यह बैंड राज्यभर में सरकारी कार्यक्रमों का हिस्सा बन चुका है।
काली सिंध चंबल लिंक परियोजना की शुरुआत – काली सिंध चंबल लिंक परियोजना, जो वर्षों से अटकी हुई थी, अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में आगे बढ़ी है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और केंद्र सरकार के बीच इस परियोजना को लेकर एक समझौता हुआ है, जिससे 10 जिलों को फायदा होगा। इससे 19 लाख 25 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा बढ़ेगी। इसके अलावा, केन-बेतवा लिंक परियोजना को भी अब तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। 44 हजार करोड़ की परियोजना से 10 जिलों के 1900 ग्रांव में 8 लाख 11 हजार हेक्टयर क्षेत्र में वार्षिक सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। 41 लाख आबादी को पेयजल सुविधा उपलब्ध होगी और 130 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा।
इन परियोजनाओं पर लंबे समय से काम चल रहा था, लेकिन कुछ अड़चनों के कारण इनकी गति धीमी थी। मुख्यमंत्री ने अपनी सक्रियता से इन अड़चनों को समाप्त किया और काम को तेज किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि पार्वती कालीसिंध चंबल लिंक परियोजना का भूमिपूजन जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जा सकता है, जिससे इस महत्वपूर्ण परियोजना को गति मिलेगी और इलाके में जलवायु और कृषि की स्थिति में सुधार होगा।
उद्योगपतियों को बुलाकर निवेश संभावनाओं को बढ़ावा – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रीजनल इंडस्ट्री समिट का नवाचार किया है। इसके तहत, राज्य के विभिन्न हिस्सों में उद्योगपतियों को बुलाकर निवेश संभावनाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस पहल की शुरुआत उज्जैन से हुई, जिसे महाकाल नगरी के रूप में जाना जाता है। अब तक छह स्थानों पर समिट आयोजित की जा चुकी है, जिनमें उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर, सागर, रीवा और नर्मदापुरम शामिल हैं।
यहां से सरकार को अब तक पौने तीन लाख करोड़ के निवेश मिले हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सिर्फ राज्य में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी निवेश आकर्षित करने के लिए कदम उठाए हैं। नवंबर 2023 में यूके और जर्मनी की यात्रा के दौरान उन्होंने 78,000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त किए। भोपाल के अचारपुरा में एक्सरे निर्माण कारखाने के लिए भूमि आवंटन जैसे कदमों से राज्य की प्रतिबद्धता स्पष्ट होती है। इसके अलावा सीएम ने मुंबई, कोयंबटूबर, बैंगलुरु और कोलकाता में रोड शो के माध्यम से उद्योगपतियों और निवेशकों को आकर्षित किया। यहां से सरकार को करीब एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
रीजनल समिट्स में आए निवेश प्रस्ताव और रोजगार अवसर
1) उज्जैन: 1 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव, 1 लाख संभावित रोजगार।
2) जबलपुर: 13,375 करोड़ निवेश, 13,000+ रोजगार।
3) ग्वालियर: 8,000 करोड़ निवेश, 35,000 रोजगार।
4) सागर: 23,000 करोड़ निवेश, 25,000 रोजगार।
5) रीवा: 30,000 करोड़ निवेश, 22,000 रोजगार।
6) नर्मदापुरम: 31,000 करोड़ निवेश, 40,000 रोजगार।