नई-नई कपड़ा मंत्री बनाई गईंं स्मृति इरानी ने अपना कार्यभार संभाल लिया है। उन्होंने शुक्रवार को दफ्तर पहुंचते ही अपने स्टाफ से कुछ कपड़े मंगवाए। उनसे फाइलों पर पड़ी धूल साफ करवाई (अपने पुराने मंत्रालय में वह यह काम कागजों से करवाती थीं)। कपड़े का एक टुकड़ा लेकर उन्होंने बाती बनाई और दीप जला कर मां सरस्वती (क्योंकि कपड़ा मंत्री कभी शिक्षा मंत्री भी थीं) का स्मरण किया। फिर उन्होंने कामकाज शुरू किया। तमाम बड़े अफसर पहले से मुस्तैद थे। सभी झक सफेद कपड़े में आए थे। यह सोच कर कि नई बॉस कपड़े की सफाई देख कर खुश होंगी। पर दावं उल्टा पड़ गया। स्मृति ने बड़े साहब से सीधा सवाल किया- क्या आप नेता हैं? मानव अवतार में ‘ठाकुरजी’ के दूत हैं? बड़े साहब को समझ ही नहीं आया कि आखिर गुस्ताखी क्या हो गई? मैडम ने उन्हें ज्यादा देर तक दिमाग पर जोर डालने का मौका भी नहीं दिया। एक क्षण रुक कर बोलीं- तो फिर सफेद कपड़ों में क्यों आ गए हैं? भगवा क्यों नहीं पहना? मेरा मंत्रालय ही तो बदला है, मैं तो वही हूं। अब जाकर बात बड़े साहब की समझ में आई।
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मैडम की बात समझते ही बड़े साहब ने एक फाइल आगे बढ़ाई। इसमें भगवा कपड़ा सप्लाई करने के लिए टेंडर निकालने का प्रपोजल था। बड़े साहब ने कहा- मैडम, हमें इस फाइल पर आपके दस्तखत का इंतजार था। डिलीवरी आते ही हम पूरे मंत्रालय को भगवा कपड़ों से ही रंग देंगे। मैडम का गुस्सा शांत हुआ। उन्होंने कपड़ों की प्राइस लिस्ट मंगवाई। शुरू से अंत तक नजर दौड़ाई। फिर बोलीं- ये क्या? मफलर इतने सस्ते मिल रहे हैं। तभी इस देश के कुछ नेता सर्दी नहीं होने पर भी इसे ओढ़े घूमते रहते हैं। मफलर पर कितने तरह के टैक्स लगाए जा सकते हैं, मुझे बताएं। बड़े साहब होमवर्क करके आए थे। उन्होंने तपाक से कहा- मैडम, पांच तरह के टैक्स लगा कर हम तत्काल प्रभाव से मफलर की कीमत तीन गुनी कर सकते हैं। लेकिन हमें इससे कमाई नहीं होगी, क्योंकि अभी मफलर ओढ़ने का सीजन नहीं है। मैडम बोलीं- कमाई की चिंता आप छोड़िए, मफलर पर टैक्स लगाने की फाइल तैयार कराइए। बड़े साहब ने आनन-फानन में ऑर्डर ड्राफ्ट कराया और मंत्री महोदया की टेबल पर रख दिया। मैडम इरानी ने फौरन उस पर दस्तखत किए और मफलर तीन गुना महंगा हो गया।
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आम आदमी में से एक चपरासी बना शख्स संयोग से इन दिनों कपड़ा मंत्रालय में ही तैनात है। उसे जब ऑर्डर सर्कुलेट करने के लिए पकड़ाया गया तो उसने पढ़ लिया। उसकी उत्सुकता यह थी कि देखें तो मैडम ने सबसे पहला फरमान क्या जारी किया। पर ये क्या? ऑर्डर पढ़ते ही वह क्षुब्ध हो गया। उसने ‘सबसे बड़े आम आदमी’, जो दिल्ली के सीएम भी हैं, तक बात लीक कर दी। फिर क्या था, अब इधर हलचल मच गई। आनन-फानन में एक बयान जारी किया गया- यह पीएम की साजिश है। हमारी खांसी ठीक नहीं होने देने की साजिश है। हम इसका विरोध करेंगे। हम जान दे देंगे, पर मफलर महंगा नहीं होने देंगे। बिना टैक्स चुकाए लाखों की संख्या में मफलर खरीदेंगे और हर आम आदमी के गले में बांध कर कपड़ा मंत्री के घर के बाहर धरने पर बैठेंगे।
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टीवी पर यह बयान देख कर दफ्तर में बैठीं मैडम मंत्री खुश थीं। उन्होंने बड़े साहब से कहा- देख लीजिए, पहले ही ऑर्डर पर कैसी हलचल हो गई। और लोग कहते हैं कि काम नहीं करने के चलते हमारा मंत्रालय बदल गया। कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना। चलती हूं, आज का काम पूरा हुआ।
(नोट: इसे सच्ची खबर मान कर पढ़ लिया हो तो अब जान लें कि यह लेखक की कल्पना है और इसका हकीकत से कोई लेना-देना नहीं है।)
स्मृति को शिक्षा मंत्रालय से हटाया गया तो उन्हें लेकर सोशल साइट्स पर कई जोक भी शेयर किए जाने लगे थे। ऐस कुछ जोक्स पर नजर डालिए:
मोदी मंत्रीमंडल में हुए फेरबदल के बाद स्मृति ईरानी से शिक्षा मंत्रालय छीनकर उन्हें कपड़ा मंत्री बनाया गया है। एचआरडी मिनिस्ट्री से हटाकर टेक्सटाइल मिनिस्टर बनाने को लेकर Smriti Irani पर जमकर जोक बनाए जा रहे हैं और उन्हें सोशल मीडिया और व्हाट्सऐप पर शेयर किया जा रहा है। नजर डालिए ऐसे ही कुछ जोक्स पर-
उम्मीद है कि वे वालीवुड में चल रही कपड़ों की कमी को दूर करेंगी
बतौर शिक्षा मंत्री लोकसभा में दिया गया स्मृति इरानी का यह भाषण काफी चर्चित रहा था। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनकी तारीफ की थी: