कुलभूषण जाधव मामले पर अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय द्वारा सुनाए गए फैसले से फौरी तौर पर भारत को राहत तो जरूर मिली है मगर यह अंतिम फैसला नहीं है। लिहाजा, मीडिया में पाकिस्तान पर भारत सरकार की अंतर्राष्ट्रीय जीत का जितना शोर और सोशल मीडिया पर उन्माद मचाया जा रहा है, वह वाजिब नहीं है। जाधव की फांसी पर ICJ की फौरी रोक किसी भी न्यायिक प्रक्रिया का पहला चरण और हिस्सा है क्योंकि जब तक इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस पाकिस्तान के उस फैसले पर रोक नहीं लगाता, तब तक उस मामले में आगे की सुनवाई असंभव थी। अपने देश में भी जब किसी निचली अदालत के फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील की जाती है तब सबसे पहले कोर्ट दोनों पक्षों के अलावा सरकार को नोटिस जारी करती है। साथ ही निचली अदालत द्वारा सुनाई गई सजा पर फौरी तौर पर रोक लगाती है। जरूरी मामलों में आरोपियों को जमानत भी मिलती है। बाद में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद या तो सजा को उलट दिया जाता है या फिर जस का तस रखा जाता है या उसमें कुछ जोड़-घटाव किया जाता है।
ठीक ऐसे ही इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में भी हुआ है। इससे पहले ICJ ने इस मामले में 15 मई को भारत और पाकिस्तान दोनों की दलीलें सुनी थी। भारत की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कुलभूषण जाधव केस की पैरवी की थी। भारत ने इस मामले में पाकिस्तान के आरोपों को गलत बताया था और कुलभूषण जाधव की जल्द रिहाई की मांग की थी। इस पर ICJ ने वियना संधि का हवाला देते हुए कहा है कि भारत को इस मामले में काउंसलर एक्सेस मिलना चाहिए था। लिहाजा कोर्ट अंतिम फैसला होने तक जाधव का फांसी पर रोक लगाती है।
कुलभूषण जाधव की मौत की सजा पर ICJ ने अंतिम फैसला आने तक लगाई रोक; जानिए क्या है पूरा मामला, देखें वीडियो
ICJ के इस फैसले पर भारतीय मीडिया और नेताओं खासकर केंद्रीय मंत्रियों के बीच अजीब सा जश्न और उन्माद का भाव देखने को मिल रहा है। जगह-जगह लोग पटाखे फोड़ रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्विटर पर लिखा है कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सराहनीय कार्य किया है। प्रधानमनंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सरकार कुलभूषण जाधव को बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। खुद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी लिखा है कि मैं देशवासियों को आश्वस्त करना चाहती हूं कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम कुलभूषण जाधव को बचाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कुलभूषण जाधव मामले में विदेश मंत्रालय ने सकारात्मक कदम उठाया है जो काबिल-ए-तारीफ है। कई मीडिया घरानों ने भी इसके लिए सरकार को बधाई दी है।
यही सूरत-ए-हाल पाकिस्तान में भी है। भारत में जहां तमाम मीडिया इस स्टे ऑर्डर पर मोदी सरकार को बधाई दे रहे हैं और जश्न मना रहे हैं, वहीं पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से यह लिखा जा रहा है, “कुलभूषण जाधव मामले में भारत ही हार निश्चित है क्योंकि पाकिस्तान की रक्षा के मामले में ICJ का फैसला लागू नहीं होता है।” इसके अलावा पाकिस्तान में ट्विटर हैंडल पर #PakistanisRejectICJ ट्रेंड कर रहा है।
कुलभूषण जाधव के मामले में ICJ से आए फैसले को हम भले ही बड़ा समझ रहे हों और भारत सरकार की कूटनीतिक, न्यायिक और राजनयिक जीत समझ रहे हों लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि पाकिस्तान ने सरबजीत सिंह के मामले में भी कूटनीति को ठेंगा दिखाते हुए उसे फांसी दे दी थी, जबकि उस पर लगाए गए पाकिस्तान सरकार के आरोप कुलभूषण जाधव के आरोप से कमतर थे।
https://twitter.com/defencepk/status/865168832524161024
BIG Victory For India – #JusticeForKulbhushan #KulbhushanJadhav #JadhavZindabad pic.twitter.com/ux7vD5cGUW
— Zee News English (@ZeeNewsEnglish) May 18, 2017
I assure the nation that under the leadership of Prime Minister Modi we will leave no stone unturned to save #KulbhushanJadhav.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) May 18, 2017
The EAM Smt @sushmaswaraj has done a commendable job. The govt led by PM Shri @narendramodi will go to any extent to save #kulbhushanjadhav
— Rajnath Singh (मोदी का परिवार) (@rajnathsingh) May 18, 2017
Under the leadership of @PMOIndia the pro-active measures taken by the @MEAIndia in the matter of #KulbhushanJadhav deserve appreciations.
— Ravi Shankar Prasad (Modi ka Parivar) (@rsprasad) May 18, 2017
गौरतलब है कि कुलभूषण जाधव इंडियन नेवी के पूर्व अधिकारी हैं और वे बिजनेस के सिलसिले में ईरान गये थे। भारत का कहना है कि पाकिस्तान ने ईरान-ब्लूचिस्तान के पास से कुलभूषण जाधव को किडनैप कर लिया और उन्हें पाकिस्तान में भारत का जासूस करार देते हुए मिलिट्री कोर्ट में मुकदमा चलाया गया और उन्हें फांसी की सजा दे दी गयी। पाकिस्तान का आरोप है कि जाधव भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के लिए काम कर रहे थे।