भारत में कार दुर्घटनाएं एक बड़ी समस्या हैं और हर हाल देशभर में सैंकड़ों बड़े हादसे होते हैं जिनमें बड़ी संख्या में लोगों की जान चली जाती है। यहां अगर देश की जनसंख्या, सेफ्टी स्टैंडर्ड और सड़कों के विशाल नेटवर्क को देखते हैं तो ये हादसे हैरान नहीं करते हैं। प्रत्येक वर्ष होने वाले हादसों में ज्यादातर हाईवे पर होते हैं, जिसमें कुछ स्थानों पर दुर्घटनाओं की रिपिटेशन ज्यादा होता है। ऐसे जगहों को सरकार द्वारा ब्लैकस्पॉट के रूप में चिह्नित किया जाता है। देश में सबसे ज्यादा ब्लैकस्पॉट वाला राज्य तमिलनाडू हैं। इस आर्टिकल में आप जान लीजिए भारत में दुर्घटना स्थलों की डिटेल।

ब्लैकस्पॉट क्या हैं?

हादसों की संख्या और आंकड़ों पर नजर डालने से पहले आपको ये समझना होगा कि ब्लैकस्पॉट किसे कहा जाता है। दरअसल, ब्लैक स्पॉट लगभग 500 मीटर के राष्ट्रीय राजमार्गों पर वे स्थान हैं जहां पिछले तीन वर्षों में कम से कम 5 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं, जिसके परिणामस्वरूप 10 या अधिक मौतें हुई हैं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ऐसे स्थानों को ब्लैकस्पॉट के रूप में चिह्नित करते हैं।

दुर्घटना स्थल – राज्यवार डेटा

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में कहा था कि देश में सबसे ज्यादा ब्लैकस्पॉट तमिलनाडु में हैं। यह डेटा विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से प्राप्त 2018-2020 के डेटा पर आधारित है। आंकड़ों की बात करें तो तमिलनाडु ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर 748 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए हैं। सबसे ज्यादा ब्लैकस्पॉट के मामले में तमिलनाडु के बाद दूसरे स्थान पर पश्चिम बंगाल है जिसने 701 ब्लैकस्पॉट चिन्हित किए हैं। तीसरा सबसे ज्यादा ब्लैकस्पॉट वाला राज्य तेलंगाना है जिसने 485 ब्लैकस्पॉट चिन्हित किए हैं।

ब्लैकस्पॉट पर हर साल खर्च होती है मोटी रकम

सरकार की तरफ से ऐसे ब्लैकस्पॉट के मेंटेनेंस और मरम्मत के लिए काफी रकम खर्च की गई है। कथित तौर पर, इसने मरम्मत और रखरखाव के लिए 15,702 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जिसमें दुर्घटना दर को कम करने के लिए ऐसे स्थानों को ठीक करने के उपाय भी शामिल हैं। रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया कि ऐसे उपाय फिलहाल प्रभावी हैं या नहीं।

(Source-MOTOROCTANE)