प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी अमेरिका यात्रा पर हैं जहां टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने बुधवार को पीएम मोदी से मुलाकात करने के बाद न सिर्फ खुद को पीएम मोदी की फैन बताया बल्कि यह भी कहा कि, पीएम मोदी से दोबारा मिलना उनके लिए सम्मान की बात है। दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक मस्क की भारत के प्रधानमंत्री के साथ इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। इस आर्टिकल में आप जान लीजिए क्या हो सकते हैं इस (Modi-Musk Meet) के दूरगामी परिणाम।
क्या भारत आएगी टेस्ला ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एलन मस्क की मुलाकात के बाद जिस बात की सबसे ज्यादा संभावनाएं जताई जा रही हैं वो है टेस्ला (Tesla) की भारत में एंट्री। भारत में टेस्ला की कारों को लेकर केंद्र सरकार अपने रुख पर कायम है जिसके चलते पिछले 2 साल से पूरी तैयारियां होने के बाद भी टेस्ला भारत नहीं आ सकी है। मगर इस मुलाकात के बाद जानकारों का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत में टेस्ला की एंट्री को आसान बनाने में मदद करेंगे।
भारत में क्यों अटकी टेस्ला की एंट्री ?
इलेक्ट्रिक कार निर्माता टेस्ला का अनुभव भारत में अभी तक ठीक नहीं रहा है जिसकी वजह है भारत सरकार और टेस्ला दोनों का अपने रुख पर कायम रहना। टेस्ला चाहती है कि वह अपनी कारों को चीन में बनाए और भारत में निर्यात करे और भारत में व्यापार सही चलने पर ही कंपनी अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को भारत में लगाने पर विचार करेगी। इसके अलावा कंपनी भारत सरकार से टेस्ला कारों पर लगने वाले टैक्स पर भी छूट चाहती है जिस पर भारत सरकार राजी नहीं है।
टेस्ला के लिए भारत सरकार की शर्तें
टेस्ला की भारत में एंट्री को चल रही खबरों को लेकर जनसत्ता एक्सपर्ट ओपिनियन है कि बेशक एलन मस्क ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साथ मीटिंग की है और इसके बाद लोगों को टेस्ला की भारत में एंट्री आसान लग रही है। मगर ध्यान देने वाली बात यह है कि भारत में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय का जिम्मा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के पास है जो अपनी बेबाक राय और काम में अपनी क्वालिटी और नो कॉम्प्रोमाइज को लेकर हमेशा चर्चा में बने रहते हैं।
टेस्ला पर नितिन गडकरी का रुख
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने टेस्ला की भारत में एंट्री की तमाम कोशिशों पर अपनी शर्तें रख दी थी जिसे टेस्ला और एलन मस्क दोनों ही मानने को तैयार नहीं हैं। नितिन गडकरी ने एलन मस्क को साफ शब्दों में कहा था कि अगर आपको भारत में व्यापार करना है तो अपनी कारों का निर्माण भी भारत में ही करना होगा। आप अपनी कारों को चीन में बनाएंगे और भारत में बेचेंगे, यह बात हमें बिल्कुल मंजूर नहीं है। अगर आपको भारत में व्यापार करना है तो भारत के हितों को ध्यान में रखते हुए ही काम करना होगा।
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने टेस्ला पर अपने रुख से साफ कर दिया है वो भारत को चीन में बनाई गई टेस्ला कारो का डंपिंग जोन नहीं बनने देंगे। अगर टेस्ला को भारत में एंट्री करनी है तो कारों के निर्माण को भारत में ही करना होगा।
भारत में व्यापार को लेकर भारत सरकार की तरफ से बताई गई शर्तों पर टेस्ला की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एलन मस्क चीन में ही अपनी कारों का निर्माण करके उसे भारत में निर्यात करना चाहते हैं जिसके पीछे की सबसे बड़ी वजह है चीन में लगने वाली कम प्रोडक्शन कॉस्ट जो भारत में नहीं मिलेगी।
Jansatta Expert Opinion
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी दोनों ही अपनी राष्ट्रवादी विचारों और राष्ट्रहित के लिए उठाए गए कदमों के लिए पसंद किए जाते हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई एलन मस्क की मीटिंग के बाद भी इस बात की संभावनाएं ना के बराबर हैं कि भारत सरकार की शर्तों को पूरा किए बिना टेस्ला की भारत में एंट्री हो सकेगी।