
घरेलू हिंसा चारदिवारी के भीतर अपनों के हाथों ही किया जाने वाला एक उत्पीड़न है।
घरेलू हिंसा चारदिवारी के भीतर अपनों के हाथों ही किया जाने वाला एक उत्पीड़न है।
कई बार ऐसा लगता है कि यह दुनिया जैसे-जैसे प्रगति और विकास की सीढ़ी चढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे मानव…
कई बार यथार्थ पर विश्वास नहीं करने का मन करता है। कई बार यथार्थ घटनाएं किसी काल्पनिक सिनेमा के दृश्य…
मुझे नहीं पता कि लोगों पर सामाजिक खबरों का क्या असर होता है और ऐसी खबरों से लोग समाज के…
मौजूदा दौर में महामारी के संकट ने हमें जितनी आर्थिक चोट पहुंचाई है, उससे कई गुना ज्यादा हम मानसिक और…
एक सच्चाई यह भी है कि आज भी पारिवारिक-सामाजिक भीरुता और कुंद सोच अधिकतर मामलों की शिकायत दर्ज नहीं होने…
जब तक हम ऐसी सोच और मानसिकता नहीं बदलेंगे यह समाज भी नहीं बदलेगा। बलात्कारी का विवाह तक रचा दिया…
कई बार अकाल मौत की वजह से अपनों को खोने के दुख के साथ-साथ ऐसे मृत्यु-भोज का आयोजन आर्थिक दबाव…
हीरो अपनी नायिका से प्रेम तो जता रहा है, लेकिन इस परोक्ष धमकी के साथ कि अगर उसने कभी किसी…
किन्हीं हालात में माता-पिता या परिवार को लगता है कि बच्चों का चुनाव गलत है तो खुल कर बात की…
कुछ साल पहले मैं प्रबंधन की पढ़ाई कर रही थी। राजस्थान के एक छोटे-से गांव में बना वह संस्थान शहरी…
कुछ समय पहले एक दिन जब दफ्तर पहुंची, तब सब सामान्य ही लग रहा था। लेकिन तकरीबन ग्यारह बजे एक…