
पत्थर दिल इंसान प्रेम का महत्त्व नहीं जान सकता। प्रेम का महत्त्व जानने के लिए हमें मोती चुगने ही होंगे।…
पत्थर दिल इंसान प्रेम का महत्त्व नहीं जान सकता। प्रेम का महत्त्व जानने के लिए हमें मोती चुगने ही होंगे।…
अगर हमारे दिल में सिर्फ अपने कल्याण का भाव है तो इसका अर्थ यह है कि हम अपने दिल से…
जब हम अपनी तुलना दूसरे इनसान से करते हैं तो अनावश्यक रूप से प्रतिस्पर्धा का भाव जन्म लेता है।
इनसान की यह आम प्रवृत्ति है कि वह किसी भी मुद्दे पर एक-दूसरे से तुलना करने लगता है।
जो इंसान ईमानदारी से कर्म करता है उसे हार-जीत हर हाल में प्रभावित करती है।
सबसे पहले हमें क्रोध को स्वाभाविक समझने की भूल से बचना होगा।
गुस्सा कमजोर और मजबूत दोनों ही तरह के व्यक्तियों को अपनी चपेट में ले लेता है।
मुखौटे लगाकर हम लगातार स्वयं को तो धोखा देते ही हैं, दूसरों को भी धोखा देने की कोशिश करते हैं।
जब हम किसी भी काम को चुनौती बना लेते हैं तो वह आसानी से पूरा हो जाता है।