हरियाणा की मिट्टी से जुड़ी कहानियों को आधुनिक रंग देने वाली एक स्कूली छात्रा ने सबका दिल जीत लिया। द श्री राम स्कूल, मौलसरी की कक्षा 12 की छात्रा शिवांगिनी चौधरी ने अपनी नई किताब ‘Sir Buzz and Other Stories-A Retelling of Haryanvi Folktales’ को केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को भेंट किया। यह किताब हरियाणा की पारंपरिक लोककथाओं को ‘हास्य, नैतिकता और आधुनिक सोच’ के साथ जोड़कर पेश करती है, ताकि नई पीढ़ी इन कहानियों के जरिए अपनी संस्कृति की जड़ों को महसूस कर सके।
नई दिल्ली में आयोजित एक विशेष अवसर पर जब शिवांगिनी ने अपनी यह पुस्तक संस्कृति राज्य मंत्री को सौंपी तो राव इंद्रजीत सिंह ने उनके प्रयास की सराहना करते हुए कहा, ‘युवाओं द्वारा भारतीय लोकसंस्कृति के संरक्षण के ऐसे प्रयास हमारी अमूर्त विरासत को नई ऊर्जा देते हैं।’
दादी-नानी की कहानियों से प्रेरणा
अपनी प्रेरणा के बारे में बात करते हुए शिवांगिनी ने कहा, ‘दादी-नानी से सुनी कहानियां आज कहीं खोती जा रही हैं। मैंने सोचा कि इन्हें नए रूप में प्रस्तुत किया जाए, ताकि आने वाली पीढ़ियां हरियाणा की संस्कृति की उस सुगंध को महसूस कर सकें।’
‘प्रोजेक्ट विरासत’ की पहल
यह किताब ‘प्रोजेक्ट विरासत’ के अंतर्गत शिवांगिनी के निरंतर प्रयासों का हिस्सा है- एक ऐसा अभियान जो ‘भारत की पारंपरिक कला, लोककला और मौखिक परंपराओं’ के संरक्षण के लिए समर्पित है। महामारी के दौरान उन्होंने ‘राजस्थान के बर्नावा गांव’ में लंगा समुदाय के संगीतकारों के बच्चों के साथ मिलकर पारंपरिक वाद्ययंत्रों की व्यवस्था, संगीत पुस्तकालय की स्थापना और संगीत विद्यालय की नींव रखी थी। उनके इस प्रयास को यूनेस्को और राजस्थान पर्यटन विभाग की ओर से सम्मानित भी किया गया था।
लोककथाओं को ग्लोबल मंच तक
‘Sir Buzz and Other Stories’ सिर्फ कहानियों का संग्रह नहीं, बल्कि सांस्कृतिक जागरुकता का पुल है। अंग्रेजी में इन लोककथाओं की रीटेलिंग के जरिए शिवांगिनी ने हरियाणा की कहानियों को वैश्विक पाठकों तक पहुंचाने का रास्ता खोला है।
प्रोजेक्ट विरासत के तहत वह अब तक कई गांवों का दौरा कर लोक कलाकारों से जुड़ चुकी हैं। उनका मानना है, ‘सांस्कृतिक संरक्षण सिर्फ किताबों में नहीं, बल्कि जीवंत परंपराओं को आगे बढ़ाने में है।’ शिवांगिनी की यह पहल दिखाती है कि नई पीढ़ी सिर्फ आधुनिक नहीं, बल्कि अपनी जड़ों से भी गहराई से जुड़ी हुई है और यही भारत की असली ताकत है।
