दिल्ली के विश्व पुस्तक मेले में चर्चित कथाकार राम जन्म पाठक की नई काव्य-कृति “डूबता है एक सितारा और” का लोकार्पण प्रख्यात समालोचक और दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रतिकुलपति प्रोफेसर सुधीश पचौरी की अध्यक्षता में गुरुवार (2 मार्च 2023) को हुआ। इस मौके पर प्रोफेसर पचौरी ने कहा कि राम जन्म पाठक के रूप में मंडलेश डबराल की परंपरा आज भी जीवित हैं। उनकी कविताएं समाज की हर उपेक्षित इकाई की पीड़ा को व्यक्त करती हैं। वे खुद खामोश रहते हैं, लेकिन कविताएं बोलती हैं।

प्रख्यात कवि इब्बार रब्बी ने कहा कि पाठक की कविताएं भीतर परिपक्व हैं। वे थोड़ा चुप्पा कवि हैं और अपने विनाम्रता का बखान नहीं करते। समालोचक और गीतकार ओम निश्चल ने कहा कि पाठक छपाना और छिपाना दोनों जानते हैं। उनकी कविताओं में गांव-शहर, धरती-आकाश, पानी-पेड़, कीट-पतंग सब दिखते हैं।

जाने-माने कवि राजेंद्र राजन ने कहा कि पाठक की पृष्ठभूमि ग्रामीण है। इसलिए, गांव की बोली-बानी उनकी कविताओं में केवल जगाने या आधुनिकता की शर्त पर नहीं आता, बल्कि वह सही मायने में गांव के कवि लगते हैं।

प्रोफेसर चंद्रभान यादव ने कहा कि राम जन्म पाठक की कविताओं में इलाहाबादी मन दिखता है। पाठक ने अपने भीतर गांवों को ही नहीं, इलाहाबाद को भी समेट रखा है। इस मौके पर चर्चित कवि विमल कुमार, प्रोफेसर पंकज चतुर्वेदी, कवि श्रीविलास सिंह, प्रदीप सिंह, ठाकुर प्रसाद चौबे आदि मौजूद रहे। संचालन दिल्ली विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर वेदमित्र शुक्ल ने किया।