कलाकार की सफलता इसी में मानी जाती है कि वह अपनी कला से दर्शकों को बांध ले। चाहे वो दर्शक किसी भी उम्र का हो। कुछ ऐसा ही समां बंधा, जब कथक नृत्यांगना अदिति मंगलदास ने स्पिक मैके की ओर से माडर्न स्कूल में नृत्य पेश किया। विश्व नृत्य दिवस पखवाड़े पर यह समारोह दिल्ली में हुआ। नृत्य प्रस्तुति के दौरान नृत्यांगना अदिति मंगलदास ने कहा कि महान वैज्ञानिक आइंस्टाइन का मानना था कि रचनात्मकता या कल्पनाशीलता जानकारी से ज्यादा महत्त्वपूर्ण है। इसके जरिए आप कोई भी कल्पना करते हैं और उसे साकार करते हैं। कथक नृत्य में ताल एक धागा है। इसमें नृत्य के जरिए थाट, आमद, परण, परमेलू, तिहाइयां, टुकड़ों के बोल पिरोए जाते हैं। यह किसी खूबसूरत इमारत के निर्माण के कच्चे माल की तरह हैं। किसी भी शास्त्रीय नृत्य की शुरुआत वंदना से करते हैं। इसके पीछे मान्यता है कि हम सभी अपनी अलग-अलग अनुभव की दुनिया से आते हैं। इसलिए हमारा मन शांत चित्त और एकाग्र हो जाए ताकि हम उस नृत्य का आनंद उठा सकें।
नृत्य समारोह का आगाज सूर्य वंदना से हुआ। यह रचना ‘तेजो असि तेजो महि देहि’ पर आधारित थी। सामूहिक पेशकश में पैरों का काम में उपज का अंदाज प्रभावकारी था। एक रचना में तीन ‘धा’ के बोल पर आधारित थी, जो काफी सशक्त थी। मध्य लय में चक्रदार तिहाई में तैंतीस व छत्तीस चक्करों का प्रयोग मोहक था। रचना ‘धा किट धा’ में पैर के काम के साथ बैठ के सम लेने का अंदाज सरस था। तीन ताल मध्य लय में थाट, आमद, परण आमद को अदिति ने एकल नृत्य में पेश किया। उन्होंने दोगुण लय में ‘धा धिंन धिंन धा’ के बोल को सुंदर अंदाज में बरता। वहीं पांच अंकों की तिहाई में पैर का काम पेश किया। इसके अलावा, तबले के ताल पर अवरोह का अंदाज तिहाई में प्रस्तुत किया। उन्होंने चौगुण लय का अंदाज परण में पेश किया।
पखावज के बोल ‘धा किट धा धित धित ता’ पर उन्होंने प्रभावकारी पैर का काम प्रस्तुत किया। परमेलू में झिंगुर, कोयल और मेंढक की आवाजों को नृत्य में पिरोया। वाकई, अदिति मंगलदास के नृत्य की ऊर्जा, स्फूर्ति, तारतम्यता और सुघड़ता देखते हुए, खुद में अलग-सी स्फूर्ति और तेज महसूस होने लगता है। यह एक बड़ी बात होती है कि आप कला की प्रस्तुति देखते हुए आप खुद को एकाकार महसूस करने लगते हैं। नृत्य के अंत में, दृष्टिकोण फाउंडेशन के कलाकारों ने तराने पर नृत्य पेश किया। सूर्य के इर्द-गिर्द घूमते ग्रहों को अपने नृत्य के जरिए कलाकारों ने दिखाया। इसे पेश करने वाले कलाकारों में शामिल थे-आम्रपाली, अंजना, सन्नी और मनोज। इसके अलावा, संगत कलाकारों में पखावज पर आशीष गंगानी, तबले पर मोहित गंगानी और गायन पर फराज मौजूद थे। इस वर्ष विश्व नृत्य दिवस के अवसर पर स्पिक मैके की ओर से 30 स्कूलों में नृत्य समारोह आयोजित हैं। इन समारोहों में चारू सिजा माथुर, गुरु सिंघजीत सिंह, रंजना गौहर, गीतांजलि लाल, शोवना नारायण, इलियाना सितारिस्टी जैसे कलाकार शिरकत कर रहे हैं।