
मोदी शासन के ग्यारह साल पूरे हुए तो कई चैनलों ने चर्चा चलाई। सत्ता-प्रवक्ताओं ने सरकार की उपलब्धियों को बताना…
फौजी संवाददाता सम्मेलन’ में दो महिला अफसरों के संबोधन ने यहां के बहुत से बीमार मर्दवादी दिमागों को जितना ‘प्रतिक्रियायित’…
एक चैनल की लाइन है: देश का मिजाज बहुत गुस्से में है, लेकिन होता कुछ नहीं! चैनल गुस्से में उबलते-उबालते…
कुछ देर के लिए ही सही, मनमोहन सिंह के निधन ने सभी नेताओं को थोड़ा-थोड़ा ‘निर्मल’ कर दिया! कबीर की…
हर दांव जायज लगता है! यह अपना जनतंत्र है! फिर एक दिन दिल्ली के सत्ता दल को झटका लगता है।…
एक दिन खालिस्तान समर्थकों ने कनाडा के मंदिरों पर हमला किया। भारत ने तीखा विरोध किया। वहां के प्रधानमंत्री ने…
इस बीच चुनाव आयोग ने झारखंड और महाराष्ट्र के चुनावों के साथ बहुत से उपचुनावों की तिथियां घोषित कर दीं…
कई चैनलों में आई ‘हिंडनबर्ग’ की नई रपट और फिर विपक्ष की मांग कि ‘सेबी’ अध्यक्ष इस्तीफा दें, अडाणी को…
एक राहुल पक्षधर कहिन कि राहुल ‘नेरेटिव’ सेट कर रहे हैं। आज चक्रव्यूह की बात की! एक विश्लेषक कहिन कि…
पल-पल बढ़ता संदेह कि कब तक चलेगी ऐसी सरकार, कि कब तक ‘पलटूराम’ नहीं मारेंगे ‘पलटी’, कि कैसे होगी ‘अल्पसंख्यकों’…
इन दिनों कई चैनलों की बहसों में असंतुलन दिखता है। कई बार बहसों में एक ओर भाजपा का एक प्रवक्ता…
फिर एक दिन की खबर कि कर्नाटक सरकार ने ‘धर्मांतरण विरोधी कानून’ और पाठ्यक्रम से सावरकर के पाठ को हटाने…