जनसत्ता अखबार के स्तम्भ ‘दुनिया मेरे आगे’ में आज पढ़ें अलका ‘सोनी’ के विचार।
जनसत्ता अखबार के स्तम्भ ‘दुनिया मेरे आगे’ में आज पढ़ें खुशी श्रीवास्तव के विचार।
सवाल है कि क्या स्मार्टफोन की इस लत से छुटकारा पाना मुश्किल है, या सिर्फ एक छोटा-सा संकल्प ही काफी…
जनसत्ता अखबार के स्तम्भ ‘दुनिया मेरे आगे’ में आज पढ़ें सुरेश कुमार मिश्रा ‘उरतृप्त’ के विचार।
समाज में आज भी ऐसे बहुत से लोग मिलते हैं, जो उच्च शिक्षित नहीं हैं, लेकिन अपने उच्च नैतिक मूल्यों…
जीवन बहुत जटिल है। कई बार सिर्फ एक झटका लगता है, एक ढलान आती है या सिर्फ एक टक्कर लगती…
भारत अपने वैशिष्ट्य को कभी छोड़ता नहीं है। स्वाध्याय, सत्संग और शास्त्रार्थ की परंपरा इतनी गहरी और प्राचीन है कि…
जब हम अपनी दुनिया, अपने समाज को लेकर सपना देखते हैं, जिसमें हम सुंदर, समृद्ध और स्वस्थ समाज की परिकल्पना…
बच्चे की परवरिश में आस-पड़ोस की भूमिका बेहद महत्त्वपूर्ण मानी जाती है। बच्चा घर के बाहर जिन बच्चों के साथ…
मनुष्य का संबंध सिर्फ मनुष्य से ही नहीं होता, बल्कि स्वयं से, विचारों, वातावरण, प्रकृति, जीव-जंतु आदि से जुड़ना भी…
जैसे-जैसे वैज्ञानिक क्रांति आगे बढ़ी, प्रकृति की पोषण देने वाली छवि कमजोर होती गई। विज्ञान और तर्कवाद के बढ़ते प्रभाव…
यह भी सच है कि समाज पुन: बैलगाड़ी या सरल तकनीक वाले दौर की ओर नहीं लौट सकता, लेकिन आधुनिक…