अभी चंद दिनों पहले चेन्नई में ग्यारहवीं की एक लड़की ने यौन शोषण से तंग आकर आत्महत्या कर ली।
हिंदुस्तान में औरतों की पहचान और हुकूक को लेकर काफी बातें की जाती हैं।
जीवन का वास्तविक सौंदर्य उसकी भौतिक सफलता से कहीं अधिक महत्त्व रखता है, जिसकी पहचान हम मुश्किल से कर पाते…
आज के युवा वर्ग में परिवार, समाज और देश के प्रति एक अजीब तरह की उदासीनता देखी जाने लगी है।
जब नया साल आने वाला होता है, तब मन में एक बात अवश्य आती है कि नया साल माने क्या?
हमारे यहां हर वर्ष कड़ाके की ठंड, भीषण गर्मी और अतिवृष्टि के चलते हजारों गरीब-गुरबा लोग दम तोड़ देते हैं।
एक और वर्ष हमसे विदा हो रहा है। लोग इसका हिसाब-किताब लगाने लगे हैं।
बदलती हुई दुनिया में इसकी नई चकाचौंध में जीवन का मिजाज और उसका आचार-व्यवहार जिस तेजी से बदल रहा है,…
बहुत सपने देखने और जतन करने के बाद कदम आगे की ओर बढ़ते हैं।
पता नहीं, कबसे भाग रहा हूं। फिनिशिंग लाइन तो कबकी निकल चुकी, फिर भी भागा जा रहा हूं।
भारत में ग्रामीण मेलों का सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक महत्त्व है।