
हिन्दुस्तानी ज़बान के कवि अकबर इलाहाबादी को लिसान-उल-‘अस्र की उपाधि दी गई थी, जिसका मतलब होता है ‘वक्त की आवाज’
Nobel Prize 2022: यहां एक नजर में जानें पिछले 13 वर्षों में साहित्य के नोबेल पुरस्कार विजेताओं के बारे में।
Firaq Gorakhpuri : परिवार के ही एक करीबी ने धोखे से फिराक की शादी कराई थी। उनका वैवाहिक जीवन प्रेमहीन…
मेरे झुमके तो तुम्हारी जेब में पड़े हैं जो उतार लिए थे तुमने कल रात में, उन्हें डाल दो कानों…
कविता को प्रदूषण फैलाने वाले तत्वों से मुक्त करने की जरूरत है। नकारात्मक विचारों या निराशावादी भावनाओं, जैसे, अंधविश्वास, क्रूरता,…
प्रेम और विवाह को लेकर उनकी जिंदगी कई पड़ावों से गुजरती रही। आलम यह रहा कि उन्होंने दूसरी शादी अपने…