
संपादकीय ‘मर्यादा की हदें’ में कहा गया है कि कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा की गिरफ्तारी में की गई जल्दबाजी अमर्यादित…
जासूसी पुरानी है और यह राज्य की उत्पत्ति के समय से ही राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय लाभ के लिए दुश्मन की…
खेलने, चहकने, व्यायाम, योग के समय में कोचिंग में समय व्यतीत करना शारीरिक स्वास्थ्य पर बहुत बड़ा कुठाराघात है। अगर…
इंसान को विवेकशील प्राणी कहा जाता है तो उम्मीद की जा सकती है कि वह टेक्नोलाजी को खुद के ऊपर…
भारत में यों तो कई क्षेत्रों मे हिंदी की अनिवार्यता और हिंदी लागू करने की कारगर नीति बनी है, पर…
अपने देश में समुचित संभावनाओं की उपलब्धता से निराश होकर ही लोग विवशता में दूसरे देश का रुख कर रहे…
राजनीति में अपराधीकरण का मजबूत होता चेहरा अब कोई नई बात नहीं रह गई है।
‘हिंसा की जमीन’ (संपादकीय, 11 फरवरी) पढ़ा। वर्तमान भारतीय समाज में निरंतर बढ़ रही हिंसक प्रवृत्ति कई प्रश्न खड़े करती…
पिछले कुछ वर्षों में राजमार्ग और एक्सप्रेस-वे काफी तेजी से विकसित हुए हैं।
अदालत का मानना है कि जमानत मिलने के वावजूद कैदी एक महीने के भीतर बांड प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं…
रोटी, कपड़ा और मकान की जरूरत नैतिक रूप से बड़ी जरूरतें मान सकते हैं।