Farmers Protest

किसानों के लिए बड़े ऐतिहासिक सुधारों को लेकर केंद्र सरकार 2020 में तीन कृषि कानून लेकर आई थी। इसके विरोध में पंजाब और यूपी समेत कई राज्यों के किसानों ने प्रदर्शन किया। दिल्ली में सिंघू और टीकरी बॉर्डर पर हजारों की संख्या में इकट्ठा हुए। 12 जनवरी 2021 से शुरू हुआ किसानों का प्रदर्शन लगातार बढ़ता गया। 26 जनवरी 2021 को किसान दिल्ली में लालकिले तक पहुंच गए। किसानों की भीड़ ने हिंसक रूप ले लिया और कई जगहों पर सार्वजनिक संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाया गया। कई महीनों तक किसानों का प्रदर्शन जारी रहा। 19 नवंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कानून को वापस लेने का ऐलान किया।

किसान एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बार किसान आंदोलन की अगुवाई जगजीत सिंह डल्लेवाल कर रहे हैं। दिल्ली में किसानों को रोकने के लिए सभी बॉर्डर को सील कर दिया गया है। पिछली बार किसान आंदोलन का प्रमुख चेहरा रहे किसान नेता राकेश टिकैत इस बार आंदोलन में शामिल नहीं है
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किसान आंदोलन की खबरें

KISAN ANDOLAN

MSP की मांग, कर्जमाफी की चाहत… किसान सही या गलत? सीधे सवाल का सीधा जवाब

इस सवाल का सीधा जवाब मिलना मुश्किल, पक्ष-विपक्ष में कई तरह के तर्क हैं. लेकिन फिर भी अगर सही तरह…

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Farmers Protest: कहानी उन 2 किसान नेताओं की जिन्होंने खड़ा कर दिया आंदोलन 2.0

पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि केंद्र के साथ कल शाम 5 बजे…

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2021 में सरकार ने लिया था U-Turn, इस बार क्यों BJP किसान आंदोलन से नहीं है परेशान

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि पूरा किसान आंदोलन कर रहा है। एक तरफ आप भारत रत्न दे रहे…

Delhi Farmer Protest, Modi Government

पिछली बार से कितना अलग है किसानों का आंदोलन, आखिर क्यों और किन मांगों के साथ दिल्ली आ रहे अन्नदाता?

पंजाब हरियाणा के किसान एक बार फिर मोदी सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच कर रहे हैं…

किसान आंदोलन के वीडियो

किसान आंदोलन विशेष

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Farmers Protest: दिल्ली में सफल तो पंजाब में किसान कैसे हो गए असफल? जानिए दोनों आंदोलन में क्या था अंतर

Farmers Protests: पहला किसान आंदोलन दिल्ली के सिंघू, टिकरी और कुंडली बॉर्डर पर 26 नवंबर, 2020 से 9 दिसंबर, 2021…

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अचानक क्यों बदला पंजाब सरकार का रुख? किसानों से शंभू और खनौरी बॉर्डर खाली कराने की ये है वजह

बुधवार को केंद्र सरकार के प्रतिनिधिमंडल और किसानों के प्रतिनिधिमंडल के बीच बैठक हुई थी। इस बैठक के तुरंत बाद…

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Punjab Farmers Protest: क्या किसानों का ‘मुकाबला’ कर पाएगी पंजाब की भगवंत मान सरकार?

AAP Government Khanauri Shambhu Border: पंजाब सरकार के मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा है कि यह कार्रवाई इसलिए की…

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चंडीगढ़ में धरना देने आ रहे थे पंजाब के किसान, पुलिस ने रास्ते में रोका तो सड़क पर ही करने लगे प्रदर्शन

पंजाब सरकार ने पहले किसानों को धरना प्रदर्शन करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। किसानों ने चंडीगढ़…

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राजस्थान में इंटरनेशनल बॉर्डर के पास कई जगहों पर किसानों का प्रदर्शन, MSP नहीं कुछ और थी वजह

Farmers Protest In Rajasthan: किसान नेता सत्यप्रकाश सिहाग ने दावा किया, ‘अनूपगढ़ ब्रांच में 2400 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था…

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संपादकीय: किसान आंदोलन का अबतक नहीं निकला कोई नतीजा, सरकार से हुई बैठक के बाद भी नहीं बनी बात

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Farmers Protest: भारत विश्व व्यापार संगठन से अलग हो जाए… क्यों WTO के खिलाफ हैं पंजाब के किसान?

अंजु अग्निहोत्री की इस खबर में पढ़िये क्यों विश्व व्यापार संगठन के खिलाफ हैं पंजाब के किसान।

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‘अगर आप चाहते हैं कि मैं अनशन खत्म करूं तो PM मोदी के पास जाएं’, पंजाब बीजेपी नेताओं से बोले किसान नेता डल्लेवाल

Jagjit Singh Dallewal: जगजीत सिंह डल्लेवाल ने भारतीय जनता पार्टी की पंजाब यूनिट पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएम…

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संपादकीय: किसानों की पुकार अनसुनी, आंदोलन के बीच जीवन-मौत का संघर्ष क्यों?

पिछली बार किसानों के कई महीने चले आंदोलन के बाद सरकार को विवश होकर विवादित तीन कृषि कानूनों को वापस…

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Farmers Protest: किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की बिगड़ी हालत, डॉक्टरों ने कहा-स्थिति चिंताजनक

राखी जग्गा की इस खबर में पढ़िये कैसी है आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत।

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Jagjit Singh Dallewal: 42 दिन से आमरण अनशन पर बैठे हैं किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल, देश में कब-कब हुई हैं लंबी भूख हड़ताल

भारत में अलग-अलग आंदोलनों के दौरान आमरण अनशन होते रहे हैं। आजादी की लड़ाई के दौरान महात्मा गांधी ने अनशन…

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Jagjit Singh Dallewal: कौन हैं जगजीत सिंह डल्लेवाल? MSP की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर 36 दिन से कर रहे हैं आमरण अनशन

Jagjit Singh Dallewal health update: जगजीत सिंह डल्लेवाल ने किसान आंदोलन को फिर से जिंदा कर दिया है। डल्लेवाल ने…

Farmers Protest FAQ: किसान आंदोलन से जुड़े जरूरी सवालों के जवाब

साल 2021 में दिल्ली की सीमाओं पर किसानों द्वारा किए गए प्रदर्शन के बाद फरवरी 2023 में किसानों ने एक बार फिर से अपनी मांगों को लेकर पंजाब से दिल्ली की तरफ कूच की।13 फरवरी को पंजाब के कई किसान संगठनों से जुड़े किसान पंजाब से दिल्ली की तरफ रवाना हुए लेकिन हरियाणा सरकार ने उन्हें शंभू बॉर्डर (पंजाब – हरियाणा) राज्य की सीमा पर रोक दिया। शंभू बॉर्डर पर जमकर बवाल हुआ। आंदोलनकारी किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने ड्रोन से आंसू गैस के गोले लगाए। किसानों के इस आंदोलन को देश के विभिन्न किसान संगठन समर्थन दे रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ने भी किसानों के इस आंदोलन का समर्थन किया है।

किसान आंदोलन 2.0 में पंजाब और हरियाणा के किसान संगठनों के अलावा यूपी, राजस्थान, एमपी सहित देशभर के तमाम किसान संगठन शामिल हैं। तमिलनाडु के किसानों ने भी पंजाब और हरियाणा के अपने साथियों के समर्थन में अपने राज्य में प्रदर्शन किया। साल 2020-21 दिल्ली की सीमाओं पर हुए किसान आंदोलन का नेतृत्व संयुक्त किसान मोर्चा ने किया था, इसमें देशभर के किसान संगठन शामिल थे। इस बार किसान आंदोलन का नेतृत्व किसान मजदूर मोर्चा (KMM) और किसान मजदूर संघर्ष समिति (KMSC) के समन्वयक सरवन सिंह पंधेर और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) कर रहे हैं।

प्रदर्शनकारी किसान संगठनों की सबसे अहम मांग MSP है। किसान अपनी फसलों के लिए MSP की कानून गारंटी डिमांड कर रहे हैं। किसान चाहते हैं कि स्वामीनाथन आयोग की सभी सिफारिशों को लागू किया जाए और किसानों का कृषि ऋण माफ किया जाए। इसके अलावा किसान संगठन लखीमपुर खीरी में मारे गए लोगों के लिए न्याय मांग रहे हैं।

केंद्र सरकार फसलों की एक न्यूनतम कीमत तय करती है, उसे ही MSP (Minimum Support Prices) यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य कहा जाता है। इसकी शुरुआत 60 के दशक में हुई थी। अभी सरकार 22 फसलों पर एमएसपी देती है। किसान चाहते हैं कि सरकार सभी फसलों पर MSP दे। किसान चाहते हैं सरकार खेती की पूरी लागत पर बेस्ड C2+50% फॉर्मूले के आधार पर MSP को उनका कानूनी हक बना दे।

सरकार अगर चाहे तो वह किसानों की यह डिमांड मान सकती है लेकिन ऐसा कनानू बना देने से निश्चित ही उसपर बोझ बढ़ेगा। कानून बनाने के बाद उसके कार्यान्वयन के लिए कई तरह की तैयारी करनी होगी, जैसे सरकार को फूड सब्सिडी का बजट बढ़ना होगा, जिस पर पहले से ही बजट का एक बड़ा हिस्सा खर्च हो रहा है। इसके अलावा एक निश्चित बुनियादी ढांचे का निर्माण करना होगा, ताकि बड़ी मात्रा में अनाज का भंडारन हो सके।

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