fear management, mental health, personal growth
दुनिया मेरे आगे: तनाव से बचना है तो खुद से करें प्यार, कमजोरियों को अपनाएं और चुनौतियों से दोस्ती करें

भावनाओं पर जबरन नियंत्रण करना यानी तकलीफ को बढ़ाना। अगर हम भावनात्मक रूप से मजबूत बनना चाहते हैं तो अपनी…

Viral Video| Trending Video| Viral Story
सुरक्षित घर लौट सके इसलिए हर रात बस स्टॉप पर पिक करने पहुंच जाते थे 72 साल के पिता, बेटी ने किया मना तो दिया यह प्यारा जवाब

इंटरनेट पर वायरल हो रही इस कहानी ने यूजर्स को स्पष्ट रूप से भावुक कर दिया है। इस कहानी पर…

Anger, Emotional Regulation, Mental Health, Stress Management
दुनिया मेरे आगे: गुस्सा क्यों आता है? ठहरिए, समझिए… शायद जवाब आपके भीतर ही छिपा है

गुस्से को नियंत्रित करने के लिए सबसे पहला कदम है उसकी पहचान। हर बार जब हमें गुस्सा आए, तो कुछ…

Dunia Mere aage, tears meaning, emotional depth
दुनिया मेरे आगे: मत रोकिए आंसू, हृदय का पवित्र जल तथा प्रेम और पीड़ा की अनकही भाषा है ये; समझना होगा इसका मोल

आंसू वह विश्वजनीन भाषा हैं, जो हर संस्कृति, हर धर्म, हर देश में समझी जाती है। यह वह जल है,…

Viral Video, Trending Video, Viral Instagram Reels
पत्नी को गहने दिलाने शहर लेकर गए 93 साल के दादा जी, पास में थे बस 11 सौ रुपये फिर दुकानदार ने जो किया…, भावुक कर रहा Viral Video

Viral Instagram Reels: इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया गया वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो को पोस्ट किए जाने…

WHO report, measles in India, CDC data, vaccine-preventable disease
दुनिया मेरे आगे: पिता की खामोश मासूमियत, रिश्तों की गहराई को समझने की एक कोशिश

आज जीवन मूल्य तेजी से बदल रहे हैं। सामाजिक जीवन अब कुछ ऐसी जटिलताओं से गुजर रहा है कि पिता-पुत्र…

Jansatta Editorial, Jansatta Sampadkiya
संपादकीय: पशुओं पर बढ़ती क्रूरता का सच, क्या समाज से लुप्त हो रही है करुणा और संवेदना?

ज्यादातर शोधों का यह निष्कर्ष है कि पशुओं से हैवानियत और मनुष्यों के प्रति हिंसा के बीच गहरा संबंध है।…

जनसत्ता- दुनिया मेरे आगे
दुनिया मेरे आगे: सिर्फ 15% फैक्ट्स, 85% सोच, हार्वर्ड की रिसर्च और सफल लोगों की ज़िंदगी से जानिए असली सफलता का गणित

अपने मस्तिष्क को सकारात्मकता के लिए अधिक सक्षम बनाने के लिए हम क्या कर सकते हैं? इसके लिए निरंतर सकारात्मक…

Jansatta Dunia Mere Aage, jansatta Epaper
दुनिया मेरे आगे: इंसानियत की पहचान, क्या आपकी संवेदनशीलता को छूता है यह सवाल

यह मान लेना कि केवल हम ही किसी खास काम को सही तरीके से कर सकते हैं, वास्तव में एक…

Dunia mere aage, Love and nature
दुनिया मेरे आगे: विरोधाभासों का सौंदर्य, सब कुछ होने के बाद भी कुछ बाकी रहने का अहसास

हम अपने मूल्यों को अपने कार्यों की सूची में नहीं रख सकते हैं, लेकिन उन कार्यों को अपने कार्यों की…

Deepfake| social Media
दुनिया मेरे आगे: रिश्तों और मासूमियत के भी नीलामघर, बदल रहे जमाने में नायक और खलनायक की पहचान मुश्किल

जमाना बदल रहा है। हमारे समाज के आधुनिक और व्यवसायी होते जाने के साथ-साथ यह शोषण का ठेका व्यवसाय भी…

अपडेट