
एक अच्छा श्रोता मनोचिकित्सक की तरह होता है, क्योंकि वह किसी के मन में दबी हुई कड़वी यादों, अनुभव और…
इस भागदौड़ भरी और अब डिजिटल होती दुनिया में क्या किसी के पास इतना समय बचा है कि वह प्रकृति…
आजकल आदमी का नजरिया काफी हद तक वैज्ञानिक दृष्टिकोण को आत्मसात करने का हो गया दिखता है, जिसके कारण सोचने-समझने…
लाखों के गहने बनाने वाले कारीगर उसे चाहकर भी खरीद नहीं पाते। वे गहने उनके हाथों से फिसलकर दूसरे हाथों…
बीते कल, आज और आने वाले कल की तीन पीढ़ियों की समझ में जमीन-आसमान का अंतर आ गया है। विचारक…
आज मानव मूल्यों का इतना पतन होता जा रहा है कि समस्याओं के प्रति हमारी संवेदनाएं कुंद हो गई लगती…
संपूर्णता की तस्वीर असल में सफल, असफल प्रयासों, कमियों, अभावों, निराशा, उत्साह, अपमान, आलोचना, प्रशंसा की छोटी-छोटी कहानियों को आपस…
कई इलाके ऐसे हैं, जहां कुछ किलोमीटर के बाद ही बोली बदल जाती है। पहाड़ी इलाकों में ऐसा सामान्य तौर…
अफसोस की बात है कि आज समाज और संसार अपने ज्यादा सभ्य और आधुनिक होने का दावा कर रहा है,…
फिर क्रिकेट की ऐसी आंधी आई जिसमें सभी खेल लगभग उड़ते दिखाई दिए। रही-सही कसर टीवी और वीडियो गेम ने…
अपने को समाज का विस्तार मानना और समाज में खुद को देखना ही हमारी सकारात्मक चेतना का एक सही विस्तार…
सफलता की परिभाषा को तात्कालिक मानकों से नहीं, बल्कि उसके असर से देखा जाना चाहिए। सफलता अगर केवल भौतिक उपलब्धियों…