
मनुष्य का संबंध सिर्फ मनुष्य से ही नहीं होता, बल्कि स्वयं से, विचारों, वातावरण, प्रकृति, जीव-जंतु आदि से जुड़ना भी…
समय वही दिखाता है जो हम हैं। समय को दोष देना छोड़कर अगर हम हर दिन को अवसर की तरह…
असफलता के बाद उठ खड़े होने की कला ही मनुष्य को महान बनाती है। जो लोग शोक-अवधि को संक्षिप्त रखते…
बाजारवाद ने हमें बहुत अधिक पराश्रित कर दिया है। दिखावे की हैसियत के मारे हम लोग दूसरों पर इतने निर्भर…
जब हम सहानुभूति के साथ दूसरों की पीड़ा और आनंद को साझा करते हैं, तो हमारे भीतर भी सुख और…
मुश्किल यह है कि समाज का जो तबका उपेक्षित बच्चों के लिए कुछ कर सकने की स्थिति में है, वह…
अगर यह मान भी लिया जाए कि होनी होकर रहती है, तो अनहोनी को टालने का प्रयास अवश्य होना चाहिए।…
महत्त्वपूर्ण बात यह कि खुद को हर बार सही ठहराना बंद कर देना चाहिए। बगैर किसी स्पष्टीकरण के चुनाव करने…
जब हर ओर प्रतिस्पर्धा, प्रदर्शन और मान्यता की होड़ मची है, तो प्रेरणा को भी बाहरी मानकों से जोड़ दिया…
जब हम किसी से कुछ मांगते हैं, तो हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारी बात स्पष्ट हो कि क्या…
अपने संवाद में नपे-तुले शब्दों का चयन संसार की बहुतेरी परेशानियों से बचाने का दम रखता है। यही सुंदरता तमाम…
जिज्ञासा की कुंजी सकारात्मकता और सक्रियता का ताला भी खोलती है। यह कहा जा सकता है कि जिज्ञासा एक ऐसा…