
समय के साथ कुछ के खोने पर हमें अफसोस होता रहता है, पर यह सब आगे चलकर भुला दिए जाते…
शहर और कस्बाई लोगों का रुझान बहुप्रचारित ब्रांडेड उत्पादों की ओर ज्यादा नजर आता है। बस इसी तरह हम फिजूलखर्ची…
बच्चों के मूलभूत मानवाधिकारों की सुरक्षा के प्रति हमारी जिम्मेदारी अधिक इसलिए हो जाती है कि वे अपने अधिकारों से…
इंसान और प्रकृति दोनों एक दूसरे के पर्याय हैं। न्यूजीलैंड की संसद ने वहां की तीसरी सबसे बड़ी नदी वांगानुई…
जो एक जून भोजन और दूसरे जून सब्र का प्याला पी रहे थे, वे भोजन से तो उखड़े ही, शहरों…
कठिनाइयां ही हमें मजबूत, अनुभवी और चतुर बनाती हैं। फ्रेडरिक नीत्से कहते हैं, चुनौतियों की तलाश करना भी अपने भाग्य…
प्राणी मात्र के प्रति संवेदना रखने वाले देश में सोशल मीडिया पर किसी की बीमारी या फिर मृत्यु तक को…
सुख-दुख किसी एक का नहीं, सबका होता है और वे आपसी सौहार्द के साथ साझा करते हैं। परिवार का मुखिया…
परिवार और समाज उस समय बर्बाद होने लगते हैं, जब समझदार मौन हो जाते हैं और नासमझ बोलने लगते हैं।…
रोना या आंसू बहाना भी कोई हंसी खेल नहीं है। ईमानदार आंसू वही बहा सकता है, जो सच्चे अर्थों में…
हम लाख चाहें फिर भी इस बात को नहीं जान सकते कि हमारे आने वाले कल में क्या होगा। तो…
बच्चा सबसे पहले सीखता है अपनी मां से, अपने परिवार से, परिवेश से और अपने खुले वातावरण से। उसे खेलने…