
सुख स्वार्थी बना सकता है, दुख निस्वार्थ होने की ओर प्रेरित करता है। जो प्रफुल्लित है, सुखी है, स्वयं में…
इंसान समाज का आईना होता है। उसकी तरक्की से ही समाज की तरक्की जुड़ी हुई है। अगर कोई व्यक्ति समाज…
जागरूक और संवेदनशील नागरिक किसी देश के सबसे बड़े संसाधन माने जाते हैं। जिन देशों ने तीव्र गति से विकास…
अगर हमें जीवन में कुछ प्राप्त करना है तो अपनी प्रवृत्ति बदलनी होगी। धैर्य के रथ पर आरूढ़ होकर सफलता…
अब साफ-सफाई की व्यवस्था में अभिन्न हो गई अव्यवस्था की समस्या गांवों, शहरों, देशों से आगे बढ़कर विश्व की समस्या…
हम अक्सर बड़े-बुजुर्गों को कहते सुन सकते हैं कि सात्विक भोजन खाने और पेय पीने वालों के विचार भी दूषित…
धरती, घर और मां को छोड़ना कितना मुश्किल है, यह उनसे पूछा जा सकता है, जो रहते तो विदेश में…
विवेक से रहित प्रेम हमारे समाज में एक जटिल समस्या है, जो व्यक्ति को उसकी पहचान और आत्मसम्मान से दूर…
बच्चे तो बच्चे, बड़े लोग भी खिलौनों के मोह में फंसे दिखाई पड़ते हैं। वित्तीय व्यवस्था में सुधार के साथ…
भौतिक समृद्धि कभी वास्तविक सुख का आधार नहीं हो सकती। मन की प्रसन्नता के चलते विपरीत से विपरीत परिस्थिति में…
जो खेती करना जानते हैं, उनको रोज की आमद हो जाती है, वे भी रोटी, कपड़ा और मकान किसी तरह…
कोई भी शब्द जब एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक की यात्रा करता है, तो वह खाली हाथ नहीं जाता…