
जितने भी अध्यापक या शिक्षा प्रशासन के लोग हैं, उन्हें नियमित रूप से विद्यालय में आनंदमय वातावरण बनाना चाहिए। अगर…
शब्दों ने किसी को अगर कुछ नैतिक बल दिया है तो बहुत कुछ लिया भी है। हम आए दिन देखते…
खेल-खिलौने के बदलते स्वरूप के बीच तरह-तरह के खेल दिखाने और मनोरंजन करने वाले गांव-गली से गायब हो गए हैं।…
एकांत में शांति की गोद को पाकर हम जीवन की सारी उथल-पुथल, विचारों के उद्वेग, इच्छाओं के संजाल और प्रत्येक…
मनुष्य की बुद्धिमत्ता ने उसे विकास की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। मगर जब यही बुद्धिमत्ता प्रकृति के विरुद्ध खड़ी…
जीवन के हर रंग में ईमानदारी की दरकार होती है। इसके बिना जीवन बनावटी और काले लोहे पर दिखावे के…
आजकल कई बार रिश्ते तभी तक निभाए जाते हैं, जब तक वह उबाऊ न हो। दो लोगों के बीच ऊब…
अगर ‘काफी अकेला हूं’ को इस तरह लिखा जाए- ‘अकेला काफी हूं’ और इसके बाद देखा जाए तब समझ में…
अगर हमारी प्रार्थनाएं करुणा, भाईचारा, प्रेम, सहिष्णुता उत्पन्न करने में विफल हो रही हैं, तो हमें समझ लेना चाहिए कि…
अकेलापन किसी की सामाजिक स्थिति या उपलब्धियों से परे है। यह अनुभव हर किसी को छू रहा है। दरअसल, अकेला…
दूसरों को सुखी देख दुखी होने की मानसिकता हमें कभी भी सुख, खुशी, आनंद और उल्लास नहीं दे सकती। हमें…
जीवन का अर्थ क्या है। न्याय, सत्य और आस्था का हमारे जीवन में क्या महत्त्व है? जब हम अन्याय और…