
आज दुनिया विरोधाभास, नए उपभोक्तावाद और आभासी संसार की नई परिकल्पना से नहीं, उसके डरावने यथार्थ से जूझ रही है।…
जब तक खुद से साक्षात्कार नहीं होता है, मौन बैठा रचनात्मकता का बीज अंकुरित नहीं होता है। ध्यान और जागरूकता…
कई बार मन में प्रेम रहते हुए भी लोग इसलिए सख्त व्यवहार करते हैं कि उनका अहं उनके वास्तविक भाव…
खुद को खो देना एक धीमी प्रक्रिया है और खुद को फिर से पाना उससे भी अधिक संघर्षपूर्ण यात्रा। यह…
जिसके व्यवहार में हमेशा जरा-सी बात को लेकर गुस्सा या उग्रता आ जाती हो, वह झगड़े पर उतारू हो जाता…
निरक्षर व्यक्ति को केवल साक्षर बनाना ही मकसद नहीं होता, नवसाक्षरों का शैक्षिक, सामाजिक और आर्थिक विकास करना होता है।…
परवरिश कोई पाठ्यपुस्तक नहीं, एक जीवंत अनुभव है। यह केवल बीते हुए कल का संरक्षण नहीं, आने वाले कल की…
त्रासदी यह नहीं है कि इंसान मशीनों जैसा हो रहा है, बल्कि वह आत्मानुभूति की गहराइयों से विमुख होता जा…
भाषा हमारी रीढ़ है। यह हमारी शालीनता, सभ्यता, संस्कार, नैतिकता, एकता और अखंडता है। अगर किसी की भाषा मर्यादित है…
हौसला मतलब- हिम्मत, हर व्यक्ति के अंदर यह छिपी हुई शक्ति होती है, जिसका खुद को एहसास करना होता है।…
ताउम्र चले और कहीं नहीं पहुंचे की स्थिति तब होती है, जब चलने वाला जानता ही नहीं कि जाना कहां…
माता-पिता भी इस बदलते परिवेश में भ्रमित हैं। कुछ इस भ्रम में जी रहे हैं कि संस्कार देने का उनका…