AI and life, technology overload, no peace in tech world
दुनिया मेरे आगे: अब AI के हवाले जिंदगी, टेक्नोलॉजी बन गई है सांस, ऐसे में बेचैन मन को शांति कहां मिले? ऐप्स की दुनिया में इंसान अकेला

आज दुनिया विरोधाभास, नए उपभोक्तावाद और आभासी संसार की नई परिकल्पना से नहीं, उसके डरावने यथार्थ से जूझ रही है।…

Solitude, Loneliness, Self-awareness, Inner Peace
दुनिया मेरे आगे: अकेलापन नहीं, एकांत चुनिए — स्वयं से जुड़ने, सोचने और कुछ नया रचने का यही होता है उपयुक्त अवसर

जब तक खुद से साक्षात्कार नहीं होता है, मौन बैठा रचनात्मकता का बीज अंकुरित नहीं होता है। ध्यान और जागरूकता…

Emotional Suppression, Ego in Relationships, Family Conflicts, Rural Society, Broken Communication
दुनिया मेरे आगे: छोटी बातों से उपजे बड़े फासले, मन के भीतर घुटती रह जाती हैं भावनाएं; हम क्यों नहीं कर पाते पहल?

कई बार मन में प्रेम रहते हुए भी लोग इसलिए सख्त व्यवहार करते हैं कि उनका अहं उनके वास्तविक भाव…

Dunia mere aage self-neglect, self-acceptance, identity
दुनिया मेरे आगे: रिश्तों के नाम पर खुद को मत खोइए, आत्म-सम्मान बचाना है तो ‘ना’ कहना सीखिए

खुद को खो देना एक धीमी प्रक्रिया है और खुद को फिर से पाना उससे भी अधिक संघर्षपूर्ण यात्रा। यह…

human behavior, personality traits, nature vs behavior, emotional intelligence
दुनिया मेरे आगे: परवरिश, परिवेश और पहचान, कैसे बनता है इंसान का स्वभाव? हर चेहरा, हर सोच – एक जैसा नहीं होता

जिसके व्यवहार में हमेशा जरा-सी बात को लेकर गुस्सा या उग्रता आ जाती हो, वह झगड़े पर उतारू हो जाता…

Mizoram Literacy, पूर्ण साक्षर राज्य, शिक्षा अभियान
दुनिया मेरे आगे: बांस के जंगलों से ज्ञान की चौपाल तक, मिजोरम की शिक्षा यात्रा भारत के लिए सबक

निरक्षर व्यक्ति को केवल साक्षर बनाना ही मकसद नहीं होता, नवसाक्षरों का शैक्षिक, सामाजिक और आर्थिक विकास करना होता है।…

Dunia Mere Aage, parenting values, child development, emotional upbringing
दुनिया मेरे आगे: परवरिश यानी बच्चों को बड़ा नहीं, बेहतर इंसान बनाने की साधना; जहां संस्कारों से गढ़ा जाता है भविष्य

परवरिश कोई पाठ्यपुस्तक नहीं, एक जीवंत अनुभव है। यह केवल बीते हुए कल का संरक्षण नहीं, आने वाले कल की…

AI vs Humanity, Digital Loneliness, Human Sensitivity, Artificial Intelligence Impact
दुनिया मेरे आगे: जब संवेदनाएं ‘कंटेंट’ और आत्मा ‘डेटा पॉइंट’ बन गई, तकनीक के युग में इंसान की बदलती फितरत

त्रासदी यह नहीं है कि इंसान मशीनों जैसा हो रहा है, बल्कि वह आत्मानुभूति की गहराइयों से विमुख होता जा…

language and civilization, dignity in speech, cultural values and language
दुनिया मेरे आगे: भाषा का पतन या हमारा? जब शब्द खोते हैं शालीनता, सभ्यता बन जाती है खोखली

भाषा हमारी रीढ़ है। यह हमारी शालीनता, सभ्यता, संस्कार, नैतिकता, एकता और अखंडता है। अगर किसी की भाषा मर्यादित है…

Courage, Willpower, Inner Strength, Inspiration
दुनिया मेरे आगे: जब साथ हो आत्मबल और साहस तब कुछ भी असंभव नहीं, जो ठान लिया, वो कर दिखाया

हौसला मतलब- हिम्मत, हर व्यक्ति के अंदर यह छिपी हुई शक्ति होती है, जिसका खुद को एहसास करना होता है।…

Dunia mere aage, Pleasure,
दुनिया मेरे आगे: असली खुशी की खोज; जब लक्ष्य तय हो और सोच सकारात्मक हो, तब खुद से रोशनी लो, जीवन को दिशा दो

ताउम्र चले और कहीं नहीं पहुंचे की स्थिति तब होती है, जब चलने वाला जानता ही नहीं कि जाना कहां…

Child Upbringing, Social Media Impact, Moral Education, Child Psychology
दुनिया मेरे आगे: बदलते समय में बच्चों को संस्कार कैसे दें? माता-पिता की भूमिका और चुनौतियां

माता-पिता भी इस बदलते परिवेश में भ्रमित हैं। कुछ इस भ्रम में जी रहे हैं कि संस्कार देने का उनका…

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