
निगम के गठन से पहले मनमर्जी करने वाले अधिकारियों के दिन अब खत्म होने वाले हैं।
पार्टी कोई भी हो, ‘पैराशूट संस्कृति’ उनमें सामान्य है! अलग राजनीति का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी भी इससे…
मानसून ने लौटते समय दिल्ली सरकार के विश्वस्तरीय दावे वाली सड़कों और व्यवस्था की बुरी दशा सबके सामने ला दी।
राष्ट्रीय शोक खत्म होने के बाद भी झंडे के झुके रहने के मुद्दे को भाजपा ने लपक लिया।
उपराज्यपाल के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर कुछ विधायक पार्टी की नजर में खुद को दमदार जताने में लगे थे।
हास्य का पात्र तो यहां मुख्यमंत्री का मुखौटा पहने भाजपा का कार्यकर्ता बना।
दिल्ली में 25 लाख तिरंगा बांटने और हर हाथ तिरंगा अभियान को आगे बढ़ाने पर भी जोर है।
कांग्रेसी दिग्गजों के सड़क पर बैठने की खबरों के आगे किसी और के कवरेज की संभावना भला क्या!
छोटे-छोटे मुद्दों को पकड़ना और मौके पर उसका पलटवार कर देना ही विपक्ष की तेजी कहलाती है।
महंगाई आम लोगों की जेब काटे ले रही है, लेकिन इसका दंश आम आदमी से नेताजी बने लोगों को क्यों…