आरएसएस से संबंधित एक संगठन अगस्त से किसी भी राजनीतिक दल के नेताओं को ‘नेकनीयत’ बनाने के लिए एक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम शुरू करेगा। रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी (आरएमपी) महाराष्ट्र के ठाणे जिले में उत्तान स्थित अपने परिसर में नेतृत्व, राजनीति और शासन पर नौ माह के आवासीय पाठ्यक्रम का संचालन करेगी। आरएमपी के एक प्रशासक ने कहा कि स्रातक डिग्री वाला कोई भी व्यक्ति –नेता, लोक सेवक, पत्रकार या अन्य पेशे में जाने का आकांक्षी- इस पाठ्यक्रम की पढ़ाई कर सकता है। संस्थान 40 छात्रों के बैच से पाठ्यक्रम की शुरुआत करेगा। इसके लिए ढाई लाख रूपये की फीस रखी गयी है। इसमें पढ़ाई के सिलसिले में यात्रा, छात्रावास और मेस सेवाओं के खर्च शामिल हैं। भाजपा उपाध्यक्ष और आरएमपी उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे ने मुद्दों को लेकर जागरूकता की कमी को उद्धत करते हुए कहा, ‘‘आज के समय में कई राजनीतिज्ञ दुर्भाग्यपूर्ण रूप से ये नहीं जानते हैं कि वे नहीं जानते हैं।’’ उन्होंने कहा पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद छात्र किसी भी पार्टी से जुड़ने के लिए स्वतंत्र होंगे।

सहस्त्रबुद्धे ने कहा, ‘‘हम विचारधाराओं से ऊपर उठे हैं। हमारा लक्ष्य अच्छे और नेकनीयत नेता के निर्माण में मदद करना है।’’ उन्होंने कहा कि आरएमपी ने पूर्व में अपने दस दिन के ‘नेतृत्व साधना’ कार्यक्रम के तहत शिवसेना, राकांपा, कांग्रेस और मनसे के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर चुकी है। सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि आरएमपी को संबंधित विषयों पर व्याख्यान के लिए अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं को आमंत्रित करने के लिए भी खुली है।

संघ ने अपने प्रोजेक्ट ‘कुटुंब प्रबोधन’ के तहत लोगों के बीच परिवार के साथ समय देने के विचार को जिंदा रखने की कोशिश के लिए जागरुकता अभियान चलाया है। इस प्रोजेक्ट के तहत हर परिवार के सदस्य को सप्ताह में एक बार परिवार से मिलना चाहिए और साथ बैठकर भोजन करना चाहिए। इसमें निर्देश दिए गए हैं कि संघ के कार्यकर्ता जब भी यात्रा कर रहे हों उन्हें किसी होटल की बजाए अपने सहकर्मियों के घरों में रुकना चाहिए। इसका एक फायदा ये है दोनों को एक दूसरे को बेहतर तरीकें से जानने का मौका मिलेगा। कुटुंब प्रबोधन परिवारिक रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में एक और कदम है।