गांधीनगर में आयोजित वाइब्रैंट गुजरात 2015 के सातवें सम्मेलन में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया कार्यक्रमों से देश में एक नया उत्साह आया है। इसके साथ ही उन्होंने गुजरात में 100,000 करोड़ रुपए निवेश करने की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से वृद्धि करने वाली अर्थव्यवस्था बन सकता है।
सुजुकी मोटर्स के चेयरमैन ओसामु सुजुकी ने सम्मेलन में गुजरात में उपलब्ध बेहतर ढांचागत सुविधा की तारीफ की। उन्होंने कहा, “गुजरात में बेहतर ढांचागत सुविधा तथा अन्य प्रदेशों के मुकाबले निर्णय प्रक्रिया बेहतर होने से हमने नये कारखाने के लिये इस राज्य को चुना है।”
आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने गुजरात को सबसे पसंदीदा जगह बताने के साथ ही वहां सीमेंट और अन्य कारखानों के विस्तार में 20,000 करोड़ रुपए निवेश करने की घोषणा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गांधीनगर में गुजरात सरकार के प्रमुख कार्यक्रम वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे जिसमें संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून और अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी भाग ले रहे हैं। वाइब्रेंट गुजरात का यह सातवां आयोजन है।
तीन दिवसीय यह सम्मेलन इस साल सबसे बड़ा आयोजन माना जा रहा है। हाल में अरब सागर में पाकिस्तानी नौका को तट रक्षकों द्वारा घेरे जाने बाद इसमें विस्फोट की घटना के मद्देनजर सम्मेलन की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इस बार सम्मेलन में कई बड़े उद्योगपति और राजनेता भाग ले रहे हैं।
सम्मेलन में बान की मून और जॉन केरी के अलावा यूरोप, जापान तथा कनाडा के कई मंत्री भाग ले रहे हैं। सम्मेलन में शीर्ष भारतीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के 50 से अधिक मुख्य कार्यकारी हिस्सा लेंगे। सम्मेलन कल शुरू होकर 13 जनवरी को खत्म होगा। अमेरिका, कनाडा और जापान समेत आठ देश पहली बार सम्मेलन में भागीदार देश बने हैं।
इस कारोबारी सम्मेलन से गुजरात में रिकार्ड निवेश आने की उम्मीद है और राज्य सरकार को आशा है कि सम्मेलन के दौरान 20,000 से अधिक रुचि पत्रों अथवा सहमति ज्ञापनों पर हस्ताक्षर होंगे। बान की मून नर्मदा बांध पर बने 10 मेगावाट के पहले सौर बिजली संयंत्र का उद्घाटन करेंगे।
सम्मेलन में हर देश के आधार पर गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा ताकि विभिन्न देशों के साथ कारोबार गठजोड़ को बढ़ावा दिया जा सके। साथ ही हर क्षेत्र पर आधारित गोष्ठियां भी की जाएंगी। यहां कंपनियों के बीच बैठक की भी व्यवस्था होगी।
हर दो साल पर होने वाले इस समारोह की शुरूआत नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते 2003 में की थी ताकि राज्य में निवेश आकर्षित किया जा सके।