बाबा रामदेव की पतंजलि योगपीठ ने आयकर अपील ट्रिब्यूनल में टैक्स से छूट देने की अपील जीत ली है। ट्रिब्यूनल की दिल्ली बैंच ने आदेश में कहा कि योग मेडिकल राहत देता है। साथ ही शिक्षा भी देता है। मेडिकल राहत और शिक्षा देना दान की श्रेणी में आता है जिसके चलते ट्रस्ट का आयकर की धारा 11 और 12 के तहत छूट देने का दावा सही है। गौरतलब है कि इन धाराओं के तहत ट्रस्ट को टैक्स छूट की राहत मिली हुई है। यह आदेश नौ फरवरी को दिया गया। इसमें कहा गया है, ”आयकर अधिकारियों का यह कहना कि पतंजलि योगपीठ द्वारा योग का प्रचार करना मेडिकल रिलीफ या शिक्षा देने की श्रेणी में नहीं आता, सही नहीं है।”
अगर पतंजलि की याचिका खारिज हो जाती तो उसे टैक्स चुकाना पड़ता। हालांकि आदेश में टैक्स की राशि का जिक्र नहीं किया गया। अपील ट्रिब्यूनल ने एक अप्रैल 2016 से लागू आयकर कानून के संशोधन का भी जिक्र किया जिसमें योग को दान के उद्देश्य की श्रेणी में रखा गया है। आयकर अपील ट्रिब्यूनल ने पतंजलि योगपीठ को वानप्रस्थ आश्रम योजना के तहत कॉटेज निर्माण के लिए मिली 43.98 करोड़ रुपये की रकम को भी इनकम टैक्स के दायरे से बाहर रखा। आदेश में कहा गया कि इस तरह के दान पर टैक्स नहीं लगता है फिर चाहे ट्रस्ट टैक्स छूट के दायरे में भी नहीं आ रहा हो। ट्रिब्यूनल ने पतंजलि की आय के स्रोतों से जुड़ा मामला यह कहते हुए हटा दिया कि आयकर विभाग ने तथ्यों को सही से नहीं समझा।

