पुराने समय में भारत के किसान मौसम की जानकारी के लिए न जाने कितने ही तरह-तरह के उपायों का प्रयोग किया करते थे। प्राचीन काल से भारत के किसान मौसम की जानकारी के लिए तरह-तरह के उपायों का इस्तेमाल करते चले आ रहे हैं।

लेकिन उत्तर प्रदेश के महानगर कानपुर के घाटमपुर तहसील में पड़ने वाले बेहटा गांव का यह प्राचीन जगन्नाथ भगवान का मंदिर इस क्षेत्र के किसानों के लिए एक वरदान है। लगभग 5000 साल पुराने इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां पर मानसून आने से ठीक 15 दिन पहले इस प्राचीन मंदिर की छत से पानी टपकने लगता है और पानी टपकने की दर से पता चल जाता है कि बारिश कैसी होने वाली है।

यहां के लोगों का मानना है कि मदिर में जितनी ज्यादा मात्रा में मंदिर से पानी टपकता है उतनी ही तेज बारिश होती है। इतना ही नहीं इस मंदिर से 50 किलोमीटर के दायरे में वारिष का प्रभाव रहता है जिसके चलते 35 गांवों के किसान इससे फायदा उठाते चले आ रहे हैं।

हालांकि 21वीं सदी के लोगों के लिए इस तरह के अनुमान पर विश्वास कर पाना शायद ही मुमकिन हो। क्योंकि आज के दौर में जहां विज्ञान के लिए मौसम की सही भविष्यवाणी कर पाना तरह संभव नहीं है तो वहीं ये 5000 साल पुराना मंदिर के पानी की बूंदों से कैसे बारिश का अनुमान लगाया जा सकता है। लेकिन यहां के किसान इस मंदर में गिरतीं पानी की बूदों के जरिए ही अपने खेत को जोतने का समय निश्चित करते हैं, लिहाजा इसके पहले वे बीज और खाद्य की व्यवस्था करते हैं।