जामा मस्जिद की मीनार से आपको पुरानी दिल्ली के घर छोटे-छोटे डिब्बों जैसे नज़र आते हैं। इस नज़ारे को शब्दों में बयां करना थोड़ा मुश्किल है। पहले यह नजारा कुतुबमीनार से भी देखा जा सकता था, लेकिन अब उसे बंद कर दिया गया है।
जामा मस्जिद की मीनार से आपको पुरानी दिल्ली के घर छोटे-छोटे डिब्बों जैसे नज़र आते हैं। इस नज़ारे को शब्दों में बयां करना थोड़ा मुश्किल है। पहले यह नजारा कुतुबमीनार से भी देखा जा सकता था, लेकिन अब उसे बंद कर दिया गया है।
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हाई कोर्ट ने कहा कि कोई भी इस बात पर जोर नहीं दे सकता कि मंदिर के पुजारी की नियुक्ति केवल एक विशेष जाति या वंश से ही हो सकती है। कोर्ट ने इसके साथ ही जोड़ा कि ऐसी जाति या वंश-आधारित नियुक्ति भारत के संविधान के तहत किसी भी संरक्षण प्रदान करने के लिए एक आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है