संसद का शीतकालीन सत्र खत्म हो चुका है, और इन दिनों कई सारे विवादों पर चर्चा हुई लेकिन, प्रदूषण जैसे अहम मुद्दे पर चर्चा बार-बार अटकती रही, सदन में हंगामे होते रहे, विशेषाधिकार प्रस्तावों पर तकरार हुई और एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चलता रहा। शोर-शराबे के बीच कुछ बिल पास तो हो गए, लेकिन कई सवाल ऐसे ही हवा में लटके रह गए। कुल मिलाकर ये सत्र बहस से ज़्यादा हंगामे, आंकड़ों और अधूरी बातों के नाम रहा। ऐसे में शीतकालीन सत्र में पहले दिन से लेकर आखिरी दिन तक क्या-क्या चला, आइए हमारी संवाददाता नीता शर्मा से जानते हैं।
