
हाई कोर्ट ने परिवार न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा। जस्टिस जस्टिस पीवी. कुन्हीकृष्णन की पीठ ने आदेश दिया, यह अदालत किसी भिखारी को अपनी पत्नी को गुजारा भत्ता देने का निर्देश नहीं दे सकती। हालांकि, सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि याची की पत्नियों को भी भोजन और कपड़े उपलब्ध कराए जाएं।