सर्वपितृ अमावस्या, जिसे महालय अमावस्या भी कहते हैं, पितरों की आत्मा की शांति के लिए समर्पित है। इस दिन तर्पण और पिंडदान का महत्व है। जिन पितरों की तिथि ज्ञात नहीं, उनका श्राद्ध किया जाता है। पितृ स्तोत्र और पितृ कवच का पाठ पितृ दोष दूर करता है, सुख-समृद्धि और आरोग्य का आशीर्वाद दिलाता है। लेख में पितृ स्तोत्र और पितृ कवच के पाठ का उल्लेख है।