Farmers Protest: पंजाब में पिछले 13 महीनों से शंभू और खनौरी बॉर्डर (khanauri border) पर धरना दे रहे किसानों पर हाल ही में राज्य सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। पंजाब पुलिस (punjab police) ने बुधवार को इन धरना स्थलों से किसानों को हटाने के लिए बड़ी कार्रवाई की, जिसमें बुलडोजर का इस्तेमाल करके अस्थायी ढांचों को ध्वस्त किया गया। इस कार्रवाई के दौरान किसान नेता सरवन सिंह पंधेर (sarvan singh pandher) और जगजीत सिंह डल्लेवाल (jagjit singh dallewal) समेत कई अन्य नेताओं को हिरासत में लिया गया। मुख्यमंत्री भगवंत मान (bhagwant mann) के इस कदम की विपक्षी दलों ने कड़ी आलोचना की है। कांग्रेस ने इस कार्रवाई को ‘कायराना’ करार देते हुए कहा कि सरकार को किसानों के साथ संवाद स्थापित करना चाहिए था। वहीं, शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने भी मान सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह किसानों के अधिकारों का हनन है। इस बीच, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी सरकार किसानों की गिरफ्तारी को लेकर चिंतित नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है और उनके आंदोलन को दबाने का प्रयास कर रही है।किसान संगठनों ने इस कार्रवाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज करने की चेतावनी दी है। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंढेर की हिरासत पर पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा, “किसानों के साथ क्या हुआ, उन्हें धक्का दिया गया, पीटा गया और उन्हें जबरदस्ती हिरासत में ले लिया गया, जबकि वे अपनी मांगों के लिए शांतिपूर्वक विरोध कर रहे थे? यह उनका लोकतांत्रिक अधिकार है. कल जिस तरह से दमन किया गया वह अस्वीकार्य है.”