बिहार की राजनीतिक गलियारों में लालू-नीतीश की दोस्ती जय-वीरू की तरह थी। लेकिन की चाहत ने इन दोनों की दोस्ती को भी नहीं छोड़ा। एक सत्ता में बने रहने के लिए तो, दूसरे का सत्ता पर काबिज होने के सपने ने इस दोस्ती की बलि चढ़ा दी। लेकिन समय-समय पर ये दोनों एक-दूसरे के साथ आते रहते हैं। नमस्कार में नाम है प्रमोद और ये किस्सा है नीतीश लालू की दोस्ती का…
