Haryana Elections: हरियाणा की 90 सीटों पर 5 अक्टूबर को एक साथ वोट डाले जाएंगे। प्रदेश में हवा का रुख समझने के लिए जनसत्ता ने इन इलाकों में आम लोगों से बात की। इसके मुताबिक पोलिंग से 2 दिन पहले तक कांग्रेस 40 से 50 और भाजपा 22 से 32 सीटों पर मजबूत दिख रही है। BJP की सीटों का आंकड़ा बहुत हद तक इस बात पर भी डिपेंड रहेगा कि साइलेंट वोटर आखिरी समय में किस तरफ जाता है और जाट-दलित वोट बंटते हैं या नहीं। हरियाणा में गैर-जाट राजनीति पर ध्यान केंद्रित करने के लिए जानी जाने वाली भाजपा ने जाट समुदाय को 15 टिकट दिए हैं, जो कुल 90 सीटों का 17% प्रतिनिधित्व करते हैं। पिछले सालों की तुलना में यह कम है। साल 2019 विधानसभा चुनाव की बात करें तो बीजेपी ने 19 जाट उम्मीदवारों मैदान में उतारा था, जबकि 2014 में 24 जाट समुदाय के सदस्यों को टिकट दिया था। इसके विपरीत, कांग्रेस ने जाटों के प्रतिनिधित्व पर अधिक जोर दिया। कांग्रेस ने इस बार के हरियाणा विधानसभा चुनाव में जाटों को 28 टिकट दिए हैं, जो कुल सीटों का लगभग 31% है। जो राज्य के आबादी के लगभग 27 प्रतिशत हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि जाट समुदाय को नजरअंदाज करना या कम सीटें देना बीजेपी के कहीं भारी न पड़ जाए। रोहतक, सोनीपत और हिसार जैसे जाट-बहुल संसदीय क्षेत्रों में भाजपा की सफलता के बावजूद, इस बार जाटों के टिकट कम करने का उनका फैसला किसान आंदोलनों के कारण होने वाले विरोध से प्रभावित हो सकता है। हरयाणा के चरखी दादरी से देखिये हमारी ये एक्सक्लूसिव रिपोर्ट