केंद्र सरकार ने साइबर फ्रॉड को लेकर अलर्ट जारी किया है। जिसमें सरकार ने साफ किया है कि, साइबर क्रिमिनल डियावोल रैंसमवेयर के जरिए आपके कम्प्यूटर में सेंध लगा सकते हैं और आपके अकाउंट में जमा गाढ़ी कमाई को साफ कर सकते हैं। ऐसे में अगर आपको अपना कम्प्यूटर सेफ करना है तो जानिए किन टिप्स को फॉलो करना होगा।
एडवाइजरी में कही ये बात – इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम की एडवाइजरी में कहा गया है कि, रैंसमवेयर विंडोज कंप्यूटरों को निशाना बना रहा है। एक बार पेलोड डिलीवर होने के बाद यह कंप्यूटरको लॉक कर देता है और इसके बदले यूजर्स से पैसे मांगता है। एडवाइजरी के अनुसार, थाई रैंसमवेयर को माइक्रोसॉफ्ट विजुअल सी/सी प्लस प्लस कंपाइलर के साथ कंपाइल किया गया है।
इसमें बताया गया है कि यह असिमेट्रिक एन्क्रिप्शन एल्गोरिथ्म के साथ यूजर-मोड एसिंक्रोनस प्रोसीजर कॉल का इस्तेमाल कर फाइलों को एन्क्रिप्ट कर रहा है। रैंसमवेयर एक तरह का मैलवेयर है। यह सिस्टम को पूरी तरह या उसकी जरूरी फाइलों को लॉक कर देता है और फिर यूजर्स को पैसे ट्रांसफर करने के लिए ब्लैकमेल करता है
ऐसे बनाते हैं निशाना – डियावोल मैलवेयर ईमेल के जरिए फैल रहा है। इसमें वनड्राइव का लिंक शामिल है। वनड्राइव लिंक यूजर्स को जिप फाइल डाउनलोड करने को कहता है। जैसे ही यूजर एलएनके फाइल को खोलता है, तो मैलवेयर वायरस अपना काम करना शुरू कर देगा। इसके बाद यह फाइलें लॉक कर देता है और फिरौती का मैसेज दिखने लगता है।
बिटकॉइन में मांगते हैं फिरौती – कम्प्यूटर लॉक होने के बाद साइबर क्रिमिनल बिटकॉइन के जरिए यूजर से फिरौती मांगते है और जो यूजर्स फिरौती नहीं देते हैं। तो उनकी जरूरी फाइलों को नष्ट कर दिया जाता है और पीसी खराब हो जाता है।
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ऐसे सेफ कर सकते हैं पीसी – अगर आप अपने कम्प्यूटर को सुरक्षित करना चाहते हैं। तो इसके लिए आपने कम्प्यूटर के सॉफ्टवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम को अपडेट करते रहें। इसके साथ ही इनकमिंग और आउटगोईंग ईमेल को स्कैन करें। साथ ही फिजिकल कंट्रोल और वर्चुअल लोकल एरिया नेटवर्क के साथ बिजनेस प्रोसेस से एडमिनिस्ट्रेटिव नेटवर्क अलग करें।