क्या आपने हाल ही में एक बैंक खाता खुलवाया है? अगर हां, तब आपको नया डेबिट कार्ड मिला होगा। आप में से कई लोग शायद उसका पिन (Personal Identification Number) जेनरेट करने के बारे में सोच रहे होंगे। पर क्या आपको मालूम है कि यह काम तीन-चार तरीकों से किया जा सकता है। आइए जानते हैं:
ATM के जरिए: बैंक की ओर से मिले उस लिफाफे को खोलें, जिसमें आपको चार अंकों वाला पिन मुहैया कराया गया हो। यह पिन आपको डेबिट कार्ड के साथ ही आपके पते पर भेजा जाता है। फिर उसी बैंक के एटीएम जाएं और वहां मशीन में डेबिट कार्ड लगाकर डेबिट कार्ड नंबर डालें और उसके बाद दिया गया पिन इंसर्ट करें। आपको इसके बाद नया पिन सेट करने के लिए कहा जाएगा। नया पिन अपने सहूलियत के हिसाब से सेट कर दें, जो आगे आपका असल पिन होगा।
Netbanking की मदद से: अपने बैंक के इंटरनेट बैंकिंग पोर्टल पर लॉग-इन कर लें, जिसके बाद वहां आपको “डेबिट कार्ड” सेक्शन में जाना होगा। आगे आपको “जेनरेट पिन” या “क्रिएट पिन” के विकल्प को चुनना होगा, जिसके बाद आपको कुछ दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। इसमें बताया जाएगा कि डेबिट कार्ड को कैसे एक्टिवेट किया जाता है। इन्हीं को फॉलो करते हुए अपना कार्ड एक्टिव कर लें।
Phone Banking के माध्यम से: यह काम फोन बैंकिंग के जरिए भी किया जा सकता है। बैंक की तरफ से आपको फोन बैंकिंग पिन या इससे मिलता-जुलता कोड/नंबर भी मिला होगा, जो आपको इसे लॉगइन करने में मदद करेगा। मुहैया कराए गए टेलीफोन नंबर पर कॉल कर लें और अपना डेबिट कार्ड पिन एक्टिवेट करने की प्रक्रिया आगे बढ़ाएं।
डेबिट कार्ड पिन जेनरेट करते वक्त ध्यान रखें ये बातें: कभी भी किसी अनजान, अचानक से आई या संदिग्ध साइट या लिंक पर क्लिक न करें, जो आपको डेबिट कार्ड पिन क्रिएट करने या चेंज करने की बात कह रहा हो। अपना डेबिट कार्ड पिन कभी भी किसी के साथ शेयर न करें। पासवर्ड मजबूत बनाएं और उसमें अपनी जन्मतिथि या फिर फोन नंबर का इस्तेमाल करने से बचें। पीओएस पर यूज करते वक्त डेबिट कार्ड पिन को दूसरों से बचाकर रखें। यही नहीं, कभी भी किसी कॉल, ई-मेल या मैसेज पर अपना डेबिट कार्ड पिन शेयर न करें। बैंक कभी भी फोन, ई-मेल या फिर मैसेज पर आपके बैंकिंग क्रेडेंशियल्स नहीं मांगते हैं। सबसे अहम बात- वक्त-वक्त पर अपना डेबिट कार्ड पिन बदलते रहें।
बता दें कि डेबिट कार्ड पिन चार अंकों वाला यूनीक कोड होता है, जो यूजर को डेबिट कार्ड के सिक्योरिटी फीचर के तौर पर मुहैया कराया जाता है। किसी भी डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शन को करने के लिए इसकी जरूरत पड़ती है।
